स्पेशल स्टोरी

न बिजली-पानी; न ही घर, 25 सालों से लगा रहा हूं गुहार, अब तो कृपा करो सरकार

  • राजधानी शिमला के न्योग गांव के गोविंद राम शर्मा को मदद की दरकार
  • गरीबी का दंश झेल रहा गरीब ब्राह्मण पर आज तक किसी ने सहारा देना मुनासिब नहीं समझा

आपकी खबर, शिमला।

कहते हैं कि जो मजबूरी और गरीबी की बेड़ियों से जकड़ जाए उसे सहारा देना किसी पुण्य से कम नहीं होता। सूबे की राजधानी शिमला में एक ऐसा ही व्यक्ति है जो गरीबी का दंश झेल रहा है। विडंबना यह है कि न तो किसी अपने ने उसकी सहायता करना उचित समझा और न ही सरकार व प्रशासन ने। हम बात कर रहे हैं शिमला के घणाहट्टी के साथ लगते देवनगर स्थित न्योग गांव निवासी गोविंद राम शर्मा की। इस गरीब ब्राह्मण के पास न तो अपना पक्का मकान है और न ही प्रशासन द्वारा आज तक इन्हें बिजली-पानी का कनेक्शन दिया गया है।

बेशक, राज्य सरकार सभी को बिजली, पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने की हामी भर रही हो लेकिन इसकी हकीकत शिमला के न्योग गांव में साफ नजर आ रही है। गोविंद राम एक कच्चे मकान में रह रहे हैं जो कभी भी ढह सकता है। आलम यह है कि न तो उसमें मजबूत छत है और न ही उचित खिड़की व दरवाजे।

बकौल गोविंद राम, कई बार प्रशासन के समक्ष अपना दुखड़ा भी सुनाया लेकिन आश्वासन के आगे कोई भी कार्रवाई नहीं हुई। जरूरतमंदों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना और मुख्यमंत्री आवास योजना चलाई जा रही हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या बीपीएल परिवार से संबंध रखने वाले गोविंद इन योजनाओं के लिए पात्र नहीं है? यदि पात्र है तो आज तक इसकी सुध क्यों नहीं ली गई?

बता दें कि गोविंद राम शर्मा काफी समय से किसी बीमारी का सामना भी कर रहा है। गरीबी की मार से बेबस गोविंद 25 सालों से गुहार लगा रहा है, इस अवधि के दौरान कई सरकारें भी बदल गई, लेकिन किसी ने इस गरीब को सुविधाएं उपलब्ध करवाना मुनासिब नहीं समझा। अब गोविंद राम शर्मा ने नई आशा के साथ राज्य की जयराम सरकार से मांग उठाई है कि उन्हें शीघ्र आवास तथा बिजली-पानी के कनेक्शन उपलब्ध करवाए जाएं।

 

मेरे ध्यान में यह मामला है। पंचायत की ओर से निश्चित तौर पर गोविंद राम को हरसंभव सहायता प्रदान की जाएगी।

– नीमावती, प्रधान, ग्राम पंचायत मूलवरी/देवनगर

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