हिमाचल

जहरीली शराब मामला : हरकत में आया विभाग, जिला मंडी के गलू स्थित शराब बोटलिंग प्लांट का लाइसैंस निलम्बित

आपकी खबर, शिमला। 

आबकारी एवं कराधान विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि मंडी जिला के गलू, जोगिन्द्रनगर स्थित बोटलिंग प्लांट का लाइसैंस निलम्बित कर दिया गया है।

उन्होंने बताया कि गत 18 जनवरी, 2022 को आबकारी विभाग के अधिकारियों द्वारा इस बोटलिंग प्लांट का निरीक्षण किया गया और निरीक्षण के दौरान इसमें कुछ अनियमितताएं पाई गई। आज यानी 24 जनवरी को इस बोटलिंग प्लांट के निदेशक का पक्ष सुनने के पश्चात आयुक्त राज्य कर एवं आबकारी, हिमाचल प्रदेश द्वारा प्लांट के लाइसैंस को निलम्बित कर दिया गया है तथा विभाग द्वारा नियमानुसार इस मामले में आगामी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि इस मामले में विभागीय अधिकारी को प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए निलम्बित कर दिया है और उनके विरूद्व भी आगामी अनुशासनात्मक कार्यवाही की जा रही है।

प्रवक्ता ने बताया कि गत कुछ समय में विभाग के अधिकारियों द्वारा प्रदेश में स्थित के बोटलिंग प्लांटों की चैकिंग के दौरान अनियमताओं के नौ मामले पकड़े गए हैं। इनमें जिला सिरमौर स्थित एक बोटलिंग प्लांट स्प्रिट भण्डारण से संबंधित अनियमितता पाए जाने पर विभाग द्वारा नियमानुसार कार्यवाही करते हुए प्लांट से 32.27 लाख रुपये का जुर्माना वसूला गया है। जिला सोलन की एक इकाई पर भी कार्यवाही की गई और उसका लाईसैंस भी निलम्बित कर दिया गया है और रिकवरी के लिए नोटिस दिया गया है। इन सभी मामलों में विभागीय कर्मचारियों केा प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए निलम्बित कर दिया गया है व इन सभी के विरूद्ध आगामी अनुशासनात्मक कार्यवाही अमल में जा रही है।

उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश में आबकारी राजस्व का संग्रहण कार्य राज्य कर एवं आबकारी विभाग द्वारा किया जाता है। विभाग राज्य की वित्तीय संरचना में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है और राज्य का अधिकांश राजस्व एकत्र करता है। यह राजस्व विभाग द्वारा लागू किए गए विभिन्न आबकारी व कर अधिनियमों के अन्तर्गत जारी विभिन्न लाइसैंसों के माध्यम से आबकारी शुल्क के रूप में एकत्र किया जाता है। आबकारी विभाग द्वारा मदिरा निर्माण व मदिरा की थोक तथा खुदरा बिक्री के लिए विभिन्न प्रकार के लाईसैंस आवेदन पर नीलामी व निविदा द्वारा जारी किए जाते हैं।

विभाग के अधिकारी आबकारी अधिनियम के अन्तर्गत बनाये गए प्रावधानों और मानकों के अनुरूप आबकारी राजस्व को सुरक्षित करने के लिए समय-समय पर मासिक व त्रैमासिक आधार पर मदिरा के निर्माण एवं बिक्री से संबंधित सभी परिसरों का निरीक्षण करते हैं व किसी भी प्रकार की अनियमतताएं पाए जाने पर दोषियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाती है।

प्रवक्ता ने बताया कि सरकारी राजस्व में किसी भी प्रकार का नुकसान न हो इसके लिए विभागीय अधिकारियों ने बीते कुछ महीनों में खुदरा एवं थोक दुकानों के निरीक्षण के दौरान अनियमताओं के कुल 151 मामले पकड़े हैं, जिनमें जिला कांगड़ा में मदिरा के थोक विक्रेताओं के दो मामले व जिला ऊना में एक मामला व जिला बिलासपुर में 01 मामला पकड़ा गया है, जिसमें विभाग द्वारा 8.62 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है और तीन लाइसैंस रद्द किए हैं तथा एक थोक विक्रेता के विरूद्ध पुलिस में एफ.आई.आर. भी दर्ज करवाई गई है। खुदरा बिक्री की दुकानों में भी विभाग द्वारा नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। किसी भी प्रकार की अनियमतता करने वाले अनुज्ञापियों के विरूद्ध विभाग सख्त कार्यवाही कर रहा है।

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