- ग्रामीण क्षेत्रों की आबादी को सरकार की ओर से बड़ा तोहफा
- 125 यूनिट तक बिजली खपत करने वालों और किसानों को भी बड़ी राहत
- कोविड महामारी के बीच कमजोर वर्ग को राहत देने के लिए सीएम जयराम का बड़ा कदम
आपकी खबर, शिमला।
शिमला। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने 25 जनवरी को हिमाचल के 52वें पूर्ण राज्यत्व दिवस पर 60 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने की घोषणा की थी। बिजली विभाग की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक अब प्रतिमाह 60 यूनिट तक बिजली खपत करने वाले घरेलू उपभोक्ताओं को कोई शुल्क नहीं देना होगा। ऐसे घरेलू बिजली उपभोक्ताओं से मीटर रेंट, फिक्स्ड चार्ज और एनर्जी चार्ज नहीं लिया जाएगा। साथ ही 125 यूनिट बिजली की खपत पर एक रुपया प्रति यूनिट के हिसाब से शुल्क लिया जाएगा। पहले यह शुल्क 61 यूनिट से 125 यूनिट तक 1 रुपया 55 पैसे था। इसके अलावा किसानों से भी प्रति यूनिट 50 पैसे की जगह 30 पैसे शुल्क लिया जाएगा। जयराम सरकार के इस फ़ैसले से क़रीब 11 लाख घरेलू बिजली उपभोक्ताओं और किसानों को लाभ मिलेगा। यह छूट सरकार की ओर से दी जा रही है। इसलिए प्रदेश सरकार स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड लिमिटेड को करीब 90 करोड़ रुपये अदा करेगी।
आपको बता दें कि 60 यूनिट तक बिजली खपत होने पर 15 रुपये मीटर रेंट, 40 रुपये फिक्स्ड चार्ज और 60 रुपये एनर्जी चार्ज लिया जाता था। इस तरह से करीब 115 रुपये घरेलू बिजली उपभोक्ता हर महीने चुकाने होते थे। अब घरेलू उपभोक्ताओं को 60 यूनिट बिजली खपत पर कोई बिल नहीं चुकाना होगा। मीटर रेंट, फिक्स्ड चार्ज और एनर्जी चार्ज सरकरार द्वारा ही चुकाया जाएगा। इस तरह से घरेलू उपभोक्ताओं को सालाना 1 हजार 380 रुपये की बचत होगी।
किसे होगा लाभ
प्रदेश की आबादी का 90 फीसदी हिस्सा ग्रामीण क्षेत्र में रहता है। इनमें भी काफी बड़ा वर्ग गरीब है। कोविड काल में इस वर्ग की आय काफी ज्यादा प्रभावित हुई थी। हालांकि केंद्र सरकार की ओर से गरीबों के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना चलाई गई थी। इसमें गरीबों को हर महीने मुफ्त राशन दिया जा रहा है। साथ ही प्रदेश सरकार की ओर से भी ट्रांसपोर्ट ऑपरेटरों, पर्यटन व्यवसाइयों सहित अन्य वर्ग के लिए पहले ही राहत दी जा चुकी है। इसके अलावा प्रदेश सरकार ने कोविड काल में अन्य राज्यों के मुकाबले कर्मचारी वर्ग की सैलरी भी नहीं काटी, जिससे कर्मचारी वर्ग को भी राहत मिली। ऐसे में अब मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने ग्रामीण क्षेत्रों के गरीब तबके को राहत देने के लिए फ्री बिजली दिए जाने का फैसला लिया गया है।
दरअसल ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की जरूरतें काफी सीमित रहती हैं। ग्रामीण क्षेत्रों एक बहुत बड़ा गरीब वर्ग ऐसा भी है जो प्रति माह 60 यूनिट से कम बिजली खपत करता है। गांवों में 4 लाख अधिक घरेलू बिजली उपभोक्ता इस वर्ग में आते हैं। इसलिए यह फैसला ग्रामीण क्षेत्रों के और कम आय वाले उन परिवारों के लिए बड़ी राहत है, जो मितव्ययता से बिजली इस्तेमाल करते हैं। प्रदेश में करीब 18 लाख घरेलू बिजली उपभोक्ता हैं। इस फैसले से अन्य लोगों को भी बिजली बचत के लिए प्रेरणा मिलेगी।
इसके साथ ही प्रति माह करीब 125 यूनिट बिजली खपत करने वाले 7 लाख से अधिक उपभोक्ताओं को भी लाभ होगा। अब उन्हें 125 यूनिट बिजली खपत पर प्रति यूनिट 1 रुपया एनर्जी चार्ज देना होगा। इससे ऐसे उपभोक्ताओं को भी प्रति माह करीब 69 रुपये और सालाना 830 बचत होगी। सरकार के इस फैसले से किसानों को भी लाभ होगा। किसानों को अब प्रति यूनिट 50 पैसे की जगह 30 पैसे चुकाने होंगे। यह विशेष रियायतें घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के लिए मार्च 2022 से और कृषि उपभोक्ताओं के लिए अप्रैल 2022 से दी जाएंगी।