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एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नंद लाल शर्मा ने आज बताया कि एसजेवीएन के विद्युत स्टेशनों ने जनवरी माह के लिए सभी गत विद्युत उत्पादन के रिकार्डों को पार कर लिया है। विद्युत स्टेशनों ने जनवरी, 2022 में 290.47 मिलियन यूनिट का विद्युत उत्पादन किया है जो जनवरी, 2020 में प्राप्त 277.63 मिलियन यूनिट के गत रिकार्ड से अधिक है। जनवरी, 2021 में 265.69 मिलियन यूनिट की तुलना में जनवरी ,2022 में विद्युत उत्पादन में 10% की वृद्धि दर्ज की गई है ।
शर्मा ने अवगत कराया कि एक और बड़ी उपलब्धि में, 1500 मेगावाट नाथपा झाकड़ी जलविद्युत स्टेशन ने 31 जनवरी,2022 को 6612 मिलियन यूनिट (90 % विश्वसनीय वर्ष) की अपनी डिजाईन एनर्जी को पार कर लिया है। यह उपलब्धि वित्तीय वर्ष के दो माह शेष होने के साथ हासिल की गई है। वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए, एसजेवीएन के विद्युत स्टेशनों ने पहले ही 8700 मिलियन यूनिट की कुल डिजाइन एनर्जी की तुलना में दस माह के दौरान 8612 मिलियन यूनिट का विद्युत उत्पादन कर लिया है। वित्तीय वर्ष की तीन तिमाहियों के दौरान, नाथपा झाकड़ी जलविद्युत स्टेशन और रामपुर जलविद्युत स्टेशन का संयंत्र उपलब्धता फैक्टर क्रमश : 108.013% एवं 107.944% के साथ सबसे अच्छा रहा है। शर्मा ने सभी एसजेवीएनाईट्स के प्रयासों की सराहना की। “ये उपलब्धियां हमारे कर्मचारियों की तकनीकी विशेषज्ञता और हमारी प्रचालनगत ईकाईयों द्वारा अपनाई गई सर्वोत्कृष्ट प्रचालन एवं रखरखाव प्रथाओं का प्रमाण है । वैश्विक महामारी के प्रभावों के बावजूद , हमारे विद्युत स्टेशनों ने चुनौतियों का सामना किया है और असाधारण रूप से अच्छा प्रदर्शन किया है ।“
नन्द लाल शर्मा ने आगे कहा कि दूरदर्शी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गतिशील नेतृत्व में और केन्द्रीय विद्युत मंत्री आर.के. सिंह के निरन्तर मार्गदर्शन से एसजेवीएन ऊंची उड़ान भर रहा है और नई ऊंचाईयों को प्राप्त कर रहा है। कंपनी ने नवीकरणीय ऊर्जा के दोहनार्थ तीव्र गति से यात्रा आरंभ की है। यह वर्ष 2030 तक गैर जीवाश्म ईंधन स्त्रोतों से 500 गीगावॉट की स्थापित क्षमता हासिल करने की भारत सरकार की प्रतिबद्धता के अनुरूप है। वर्तमान में, एसजेवीएन के पास 16000 मेगावाट से अधिक का पोर्टफोलियो है, जिसमें 2016.50 मेगावाट की स्थापित क्षमता है और शेष विकास के विभिन्न चरणों में है । पोर्टफोलियो में इस अत्यधिक वृद्धि ने एसजेवीएन को अपने साझा विजन को संशोधित और उन्नत करने में सक्षम बनाया है। अब कंपनी वर्ष 2023 तक 5000 मेगावाट, 2030 तक 25000 मेगावाट और वर्ष 2040 तक 50,000 मेगवाट की स्थापित क्षमता हासिल करने के लिए सुसज्जित है।