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नन्द लाल शर्मा, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक ने अवगत कराया कि आज एसजेवीएन ने भारतीय रेलवे के लिए नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के विकास हेतु आरईएमसी लिमिटेड और भेल के साथ एक ऐतिहासिक एमओयू हस्ताक्षरित किया है। एमओयू पर हस्ताक्षर से रेलवे में विद्युत की और अधिक कुशल खपत के एक नए युग का आरंभ होगा, साथ ही उपभोक्ताओं के समग्र लाभार्थ अधिक प्रतिस्पर्धी टैरिफ भी होंगे।
नन्द लाल शर्मा ने बताया कि आज हस्ताक्षरित एमओयू के तहत, सभी पक्ष भारतीय रेलवे द्वारा उपयोग के लिए नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना के लिए परियोजना विकास में अपनी मूल मजबूती का लाभ उठाने के लिए मिलकर कार्य करेंगे।
शर्मा ने यह भी बताया कि एसजेवीएन लिमिटेड का, नवीकरणीय ऊर्जा के विकास के लिए एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य है। यह समझौता ज्ञापन वर्ष 2030 तक शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन मिशन बनने के भारतीय रेलवे के लक्ष्य के साथ-साथ नवीकरणीय ऊर्जा के एसजेवीएन के लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में एक कदम होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वर्ष 2030 तक गैर-जीवाश्म स्रोतों से 500 गीगावॉट विद्युत उत्पादन करने की प्रतिबद्धता के मद्देनजर भारत सरकार नवीकरणीय स्रोतों के विकास पर ध्यान केंद्रित कर रही है। एसजेवीएन इस विजन को आगे बढ़ाने के लिए अपने पोर्टफोलियो में महत्वपूर्ण क्षमताएं जोड़ रहा है। वर्तमान में, कंपनी के पास 16900 मेगावाट से अधिक के कुल पोर्टफोलियो के साथ विकास के विभिन्न चरणों के तहत 3065 मेगावाट क्षमता की बारह सौर विद्युत परियोजनाएं हैं।
एमओयू पर आर. के. गुप्ता, मुख्य महाप्रबंधक, बीडीई, एसजेवीएन लिमिटेड, रूपेश कुमार, महाप्रबंधक, आरईएमसी लिमिटेड और सुद्रिप्तो डे, अपर महाप्रबंधक, भेल ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर ए. के. सिंह, निदेशक (वित्त), एसजेवीएन लिमिटेड, अजय कुमार सिंघल, सीईओ, आरईएमसी लिमिटेड और एसजेवीएन, भेल और आरईएमसीएल के अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।
इस विशाल पोर्टफोलियो विस्तार से एसजेवीएन के नए साझा विजन – वर्ष 2023 तक 5000 मेगावाट, 2030 तक 25000 मेगावाट और वर्ष 2040 तक 50000 मेगावाट स्थापित क्षमता में वृद्धि हुई है। कंपनी अपने साझा विजन को प्राप्त करने और राष्ट्र के सतत विकास में भागीदार बनने के लिए तीव्र गति से आगे बढ़ रही है।