हिमाचल

प्रदेश के 4 जिलों में सरकारी व निजी दवा विक्रेताओं पर कार्यवाई

 

  • स्वास्थ्य महकमे ने 3 दर्जन दवा विक्रेताओं के ड्रग लाइसैंस किए सस्पेंड
  • 5 दवा विक्रेताओं पर एन.डी.पी.एस. दवाईयों की खरीद फरोख्त पर लगाई रोक

आपकी खबर, मंडी।

प्रदेश के 4 जिलों में सरकारी व निजी दवा विक्रेताओं पर स्वास्थ्य महकमें ने बड़ी कार्यवाई की है। इस कार्यवाई में निजी दवा विक्रेताओं के अलावा राज्य नागरिक आपूर्ति निगम सीमित द्वारा संचालित की जा रही सरकारी दवाईयों की दुकानें भी शामिल हैं।

प्रदेश के जिला मंडी, बिलासपुर, कुल्लू सहित हमीरपुर में चल रही दवाईयों की दुकानों को चला रहे दवा विक्रेताओं पर नियमों की अनदेखी करने के चलते यह कार्यवाई की गई है। जानकारी के अनुसार कार्यवाई के चलते 3 दर्जन दवा विक्रताओं के ड्रग लाईसेंस संबधित अथॉरिटी द्वारा सस्पेंड कर दिए गए हैं। ड्रग लाइसेंस सस्पेंड रहने की अवधि तक दवा विक्रेता न तो दवाईयां खरीदने के लिए अधिकृत हैं और न ही मरीजों को दवाईयां बेच सकते हैं।

जिला मंडी में सबसे ज्यादा 28 दवा विक्रेताओं के ड्रग लाईसेंस सस्पेंड हुए हैं। जबकि जिला बिलासपुर में 2 तथा कुल्लू व हमीरपुर के 3-3 दवा विक्रेताओं के ड्रग लाईसेंस सस्पेंड किए गए हैं। चार जिलों में कुल मिलाकर 36 ड्रग लाईसेंस सस्पेंड किए गए हैं। इसके अलावा 5 दवा विक्रेता ऐसे भी हैं जिनके लाईसेंस कैंसिल कर दिए गए हैं तथा भविष्य में ये दवा विक्रेता एन.डी.पी.एस. में शामिल दवाईयों की खरीद फरोख्त नहीं कर पाएंगे।

गौरतलब है कि एन.डी.पी.एस. की श्रेणी में आने वाली दवाईयां नशे के लिए भी इस्तेमाल की जाती हैं तथा इन दवाईयों की सेल परचेज का रिकार्ड दुरूस्त न रखने वाले दवा विक्रेताओं पर यह कार्यवाई की गई है। इन दवा विक्रेताओं में 4 मंडी जिला के तथा 1 दवा विक्रेता बिलासपुर जिला का बताया जा रहा है।

स्वास्थ्य महकमे की इस कार्यवाई में होलसेल व रिटेल का कारोबार करने वाले दवा विक्रेता शमिल हैं। अथॉरिटी द्वारा सस्पेंड किए गए ड्रग लाईसेंस की अधिकतम समय सीमा 6 महीने तथा न्यूनतम 10 दिनों तक तय की गई है। जानकारी के अनुसार सबसे ज्यादा तकरीबन 1150 दवा विक्रेता मंडी जिला में हैं। जबकि जिला बिलासपुर में 550 तथा हमीरपुर जिला में तकरीबन 600 दवा विक्रेता हैं। इसके अलावा कूल्लू जिला में तकरीबन 350 दवा विक्रेता कारोबार कर रहे हैं। स्वास्थ्य महकमें की इस कार्यवाई से जहां दवा विक्रेताओं में हडकंप मचा हुआ है वहीं झोलाछाप डाक्टरों को अवैध तरीके से दवाईयां बेचने व नशीली दवाईयों का कारोबार करने वाले दवा विक्रेताओं पर भी नकेल कसनी शुरू हो गई है।

नियमों को ताक पर रखकर नहीं बेची जा सकती दवाईयां-डा. कमलेश

मंडी जोन के सहायक दवा नियंत्रक डा. कमलेश नायक ने बताया कि नियमों को ताक पर रखकर दवाईयां नहीं बेची जा सकती। नियमों से खिलवाड़ करने पर 36 दवा विक्रेताओं के ड्रग लाईसेंस सस्पेंड किए गए हैं तथा नशीली दवाईयों का कारोबार करने वाले दवा विक्रेताओं पर कार्यवाई की गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध क्लीनिक सजाए बैठे झोलाछाप डाक्टरों को अवैध तरीके से दवाईयां उपलब्ध करवाने वाले दवा विक्रेताओं पर भी नियमानुसार कार्यवाई की जा रही है।

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