राजनीति

हिमाचल में जारी रहेगा रिवाज, कांग्रेस की बनेगी सरकार, भाजपा के मंत्री भी नहीं बचा पाए अपनी सीट, सीएम जयराम ने दिया इस्तीफा

 

आपकी ख़बर, शिमला।
हिमाचल प्रदेश की जनता राजनीतिक रिवाज जारी रखेगी। जी हां, आज विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आ चुके हैं, जिसमें कॉंग्रेस पार्टी ने भाजपा को करारी हार दी है। भाजपा की ओर से जयराम ठाकुर सहित 11 मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर थी, जिसमें से आठ मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा। भाजपा की ओर से जयराम ठाकुर और मंत्री रहे बिक्रम ठाकुर व सुखराज चाैधरी ही जीत सके। बताते चलें कि शहरी विकास मंत्री और कसुम्पटी विधानसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी सुरेश भारद्वाज हार गए। सुरेश भारद्वाज को शिमला शहरी की जगह कसुम्पटी से उतारा गया, जहां कांग्रेस के अनिरूद्ध सिंह ने उनको 10 हजार से भी ज्यादा वोटों से मात दी। नूरपुर के विधायक और वन मंत्री रहे राकेश पठानिया फतेहपुर विधानसभा से कांग्रेस के उम्मीदवार भवानी सिंह पठानिया से हार गए। भवानी को 33238 वोट मिले तो राकेश को 25884 वोट मिले। गोविंद सिंह ठाकुर भी मनाली विधानसभा सीट से हार गए। तीन बार लगातार जीत हासिल कर चुके गोविंद सिंह ठाकुर बीते 15 सालों से गोविंद ठाकुर ही यहां विधानसभा चुनावों में अपनी पकड़ बनाए हुए थे, लेकिन कांग्रेस के भुवनेश्वर गौड़ से लगभग 3 हजार वोटों से जीत हासिल कर ली। ग्रामीण विकास, पंचायती राज, कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन विभाग के मंत्री रहे वीरेंद्र कंवर भी जीत नहीं सके। कांग्रेस के उम्मीदवार देवेंद्र कुमार भुट्टो ने 7 हजार से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की है। साल 2017 में वीरेंद्र कंवर ने कांग्रेस के व‍िवेक शर्मा को हराया था। वीरेंद्र कंवर इस सीट पर पिछले चार चुनाव यानी 2003 से लगातार जीतते आ रहे थे, लेकिन भुट्टो ने इस बार बाजी मार ली। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री सरवीन चौधरी भी अपनी सीट नहीं बचा सकीं। शाहपुर विधानसभा सीट से उन्हें मेजर विजय सिंह मनकोटिया से सपोर्ट मिला, लेकिन अंत में कांग्रेस उम्मीदवार केवल सिंह पठानिया ने इस बार सरवीन चौधरी को लगभग 12 हजार वोटों से हरा दिया। कसौली विधानसभा सीट से विधायक और स्वास्थ्य मंत्री राजीव सैजल भी हार गए। इस सीट से लगातार तीन चुनाव जीतने के बाद राजीव सैजल को कांग्रेस प्रत्याशी विनोद सुल्तानपुरी ने 7 हजार से ज्यादा वोटों से चुनाव हरा दिया है। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री रहे राजेन्द्र गर्ग घुमारवीं विधानसभा सीट से हारे। यहां कांग्रेस के राजेश धर्माणी 5 हजार से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की। वहीं तकनीकी शिक्षा मंत्री रामलाल मारकंडा भी जिला लाहौल स्पीति की एकमात्र सीट का मुकाबला हार गए। बताते चलें कि हिमाचल प्रदेश में कुछ वर्षों से किसी भी राजनीतिक दल को दोबारा सत्ता नहीं मिली है। 2022 में बीजेपी और कांग्रेस की तरफ से जीत के दावे किए जा रहे हैं लेकिन इस बीच राज्य में तीसरी आम आदमी पार्टी ने भी दस्तक दी है। इस बीच यहां ये भी बता दें कि 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने सत्ता हासिल की थी। राज्य में 2017 के विधानसभा चुनावों में 75.57 प्रतिशत मतदान हुआ था। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर दोपहर 3ः15 बजे राजभवन पहुंचे और उन्होंने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपा। राज्यपाल ने इसे स्वीकार कर लिया है। राज्यपाल ने मंत्रिपरिषद की सलाह के अनुसार, हिमाचल प्रदेश विधानसभा को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया है। उन्होंने जय राम ठाकुर के नेतृत्व वाली राज्य की वर्तमान सरकार से अनुरोध किया है कि वह पद पर बने रहें और अपने कार्यों का निर्वहन तब तक करें जब तक कि नई विधानसभा का गठन न हो जाए और नई सरकार न बन जाए। इस संबंध में राजभवन से अधिसूचना जारी कर दी गई है।

66% हुआ मतदान
बीते 12 नवंबर को राज्य की 68 सीटों पर करीब 66 फीसदी मतदान हुआ था। चुनाव में कुल 55,92,828 मतदाताओं में से 28,54,945 पुरुष, जबकि 27,37,845 महिलाएं और 38 थर्ड जेंडर के लोग शामिल हुए थे।

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