- महकमे ने दुर्घटनाओं के दौरान दवा न मिलने के चलते उठाया कदम
- दवाईयां न मिलने से कई मर्तबा वाहनों में ही दम तोड़ देते हैं रैफर मरीज
आपकी खबर, मंडी।
प्रदेश में हाईवे किनारे दवा विक्रेताओं को दुकानों में एमरजेंसी मेडीसिन रखना अनिवार्य कर दिया गया है। आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने के लिए जीवन रक्षक दवाईयों की उपलब्धता को लेकर स्वास्थ्य महकमें ने कसरत शुरू करते हुए इसे लागू करने का निर्णय लिया है।
मामले की पुष्टि मण्डी जोन में तैनात सहायक दवा नियंत्रक डा. कमलेश नायक ने की है। योजना के मुताबिक स्टेट व नेशनल हाईवे के किनारे दवाईयों की दुकान चला रहे दवा विक्रेताओं को एमरजेंसी दवाईयां रखने के लिए आदेश जारी किए जा रहे हैं। इसके अलावा होलसेल का कारोबार करने वाले दवा विक्रेताओं को भी आदेश दिए गए हैं कि जीवन रक्षक दवाओं के स्टॉक को अपडेट रखें। एमरजेंसी दवाओं के न मिलने की एवज में रिटेल दवा विक्रेता संबधित क्षेत्र के ड्रग इंस्पेक्टर से संपर्क कर सकते हैं तथा उन्हे यह दवाईयां उपलब्ध करवाने के लिए स्वास्थ्य महकमा हर संभव सहायता प्रदान करेगा।
प्रदेश में होने वाली दुर्घटनाओं व आपातकालीन परिस्थियों से निपटने के लिए एमरजेंसी दवाएं उपलब्ध करवाने की इस मुहिम का दवा विक्रेताओं सहित जनता ने स्वागत किया है। गौरतलब है कि दुर्घटनाओं के दौरान एंबुलेंस व निजी वाहनों में पी.जी.आई. चण्डीगढ़, आई.जी.एम.सी. शिमला सहित दूसरे अस्पतालों में रैफर किए जाने वाले मरीजों को रास्ते में एमरजेंसी दवाओं के न मिलने से होने वाली परेशानी को देखते हुए स्वास्थ्य महकमें ने यह कदम उठाया है।
एमरजेंसी दवाओं में शुमार टेबलेट, कैप्सूल सहित इंजेक्शन की लिस्ट बनाकर दवा विक्रेताओं को दी जाएगी तथा लिस्ट के मुताबिक दवाओं का स्टॉक दुकान में हर वक्त उपलब्ध होना चाहिए। इसके अलावा दवा विक्रेता यह भी सुनिश्चित करेंगे कि सरकारी व निजी अस्पतालों के बाहर भी यह दवाईयां उपलब्ध हो सकें।
प्रदेश के बार्डर एरिया में दुकाने चला रहे दवा विक्रेताओं को खास तौर पर इन दवाओं के स्टॉक को लेकर ऐहतियात बरतने के निर्देश जारी किए गए हैं। आपातकालीन सेवाओं में एमरजेंसी दवाओं की कमी को पूरा करने व इन दवाओं को समय रहते उपलब्ध करवाने के लिए दवा विक्रेताओं की सेवा का लाभ मरीजों को मिल सके इसके लिए विभागीय स्तर पर प्रयास तेज किए जा रहे हैं।
अक्सर देखने में आता है कि एमरजेंसी दवाईयां न मिलने के चलते एंबुलेंस में सवार रैफर मरीज रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं। एमरजेंसी दवाओं के अभाव में किसी मरीज को जान से हाथ न धोना पड़े इस बात को ध्यान में रखते हुए दवा विक्रेताओं को प्राथमिकता के आधार पर दवाईयां उपलब्ध करने के निर्देश जारी किए गए हैं।
- एमरजेंसी के दौरान मरीजों को मिलेगी राहत- डा.कमलेश
जानकारी देते हुए मंडी जोन के सहायक दवा नियंत्रक डा. कमलेश नायक ने बताया कि एमरजेंसी के दौरान मरीजों को राहत मिल सके इसके लिए यह आवश्यक कदम उठाया गया है। एमरजेंसी दवाओं की उपलब्धता के चलते आपातकालीन सेवाओं में दवा विक्रेता मरीजों की मदद करने में सक्षम रहेंगे। दवा विक्रेताओं को निर्देश दिए गए हैं कि एमरजेंसी दवाओं का स्टॉक अपनी दुकानों में रखें ताकि मरीजों को किसी भी तरह की परेशानियों का सामना न करना पड़े।