- संयुक्त किसान मंच के माध्यम से कुछ राजनेता कर रहे राजनीतिक रोटियां सेंकने का काम: संजीव देष्टा
- बोले- जयराम सरकार कर रही किसानों-बागवानों के हित में ऐतिहासिक कार्य
आपकी खबर, शिमला।
भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश महामंत्री संजीव देष्टा ने ने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की नेतृत्व वाली प्रदेश भाजपा सरकार किसानों और बागवानों के हित में ऐतिहासिक कार्य कर रही है। उनका कहना है कि प्रदेश में सब्जी/फल मंडियों का निर्माण हो या फिर एमआईएस की बात, सीएम जयराम ठाकुर ने व्यक्तिगत रूप से किसानों को लाभान्वित करने के लिए भूमिका निभाई। भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश महामंत्री संजीव देष्टा ने शिमला में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि संयुक्त किसान मंच के माध्यम से कुछ राजनेता राजनीतिक रोटियां सेंकने में लगे हैं। वास्तविकता कुछ और है। हिमाचल प्रदेश की जयराम ठाकुर सरकार ही है जिसने लंबे समय से रुका पड़ा एमआईएस का पैसा बागवानों को जारी किया है। 4.45 करोड़ रुपये जारी करने की पहल भी की गई। उनके साथ पत्रकार वार्ता में प्रदेश उपाध्यक्ष नरेश चौहान, जिला महामंत्री प्रेम चौहान, जिला उपाध्यक्ष जिया लाल ठाकुर, प्रदेश आईटी एवं सोशल मीडिया प्रभारी आभा ठाकुर, शिमला संसदीय क्षेत्र सोशल मीडिया प्रभारी दिलीप छिब्बर भी मौजूद रहे।
देष्टा ने कहा कि हिमाचल सरकार ने बागवानों को बारदाने पर 18 प्रतिशत जीएसटी देना पड़ रहा था, जिसके दृष्टिगत राज्य सरकार ने बागवानों को जीएसटी में 6 प्रतिशत की छूट देते हुए बढ़ी हुई जीएसटी की दर को स्वयं वहन करने का निर्णय लिया है। राज्य सरकार ने मंडी मध्यस्थता योजना के अन्तर्गत सेब के प्रति किलो खरीद मूल्य को 7.50 से बढ़ाकर 10.50 रुपये किया है।
देष्टा ने कहा कि राज्य सरकार ने सेब, आम और नीम्बू प्रजाति के फल जैसे किन्नू, माल्टा, संतरा तथा गलगल की खरीद के लिए मण्डी मध्यस्थता योजना के विस्तार को मंजूरी प्रदान करने के साथ गत वर्ष की तुलना में खरीद में समर्थन मूल्य में एक रुपये प्रति किलोग्राम बढ़ोतरी की है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा बागवानों के कल्याण के लिए प्रदेश में बागवानी बोर्ड के गठन पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा। उन्होंने बागवानों से सीए स्टोर स्थापित करने और विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाने के लिए सहकारी समितियां गठित करने के लिए आग्रह किया।
बागवानों, फल उत्पादकों को राहत प्रदान करने के लिए राज्य सरकार ने एचपीएमसी द्वारा क्रय की जाने वाली कार्टन और ट्रे जैसी पैकेजिंग साम्रगी पर 15 जुलाई, 2022 से छः प्रतिशत उपदान प्रदान करने का निर्णय लिया है। इसके लिए एचपीएमसी को 10 करोड़ रुपये का अनुदान प्रदान किया जाएगा।
राज्य के बागवानों को राहत प्रदान करने के लिए 1 अप्रैल, 2022 से एचपीएमसी या खुले बाजार से खरीदी गई पैकेजिंग सामग्री कार्टन और ट्रे पर छः प्रतिशत सब्सिडी की प्रतिपूर्ति के लिए कार्याेत्तर स्वीकृति प्रदान की। इसके लिए कार्टन व ट्रे का जीएसटी भुगतान बिल, बिक्री प्रमाण और आधार के साथ जुड़े बैंक एकाउंट का विवरण प्रदान करना होगा।
उन्होंने कहा कि बागवानों को फल प्रसंस्करण इकाई व सी.ए. स्टोर स्थापित करने के लिए बागवानी विभाग द्वारा एकीकृत बागवानी विकास मिशन के अन्तर्गत 50 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान है। इसके अतिरिक्त फल प्रसंस्करण इकाई एवं सी.ए. स्टोर स्थापित करने के लिए खाद्य प्रसंस्करण राज्य मिशन के अन्तर्गत उद्योग विभाग द्वारा 75 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान है।
देष्टा ने कहा कि राज्य में सेब आर्थिकी लगभग 5000 करोड़ रुपये की है और यह राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का मुख्य घटक है। उन्होंने कहा कि प्रायः यह देखा गया है कि विभिन्न स्तरों पर सेब उत्पादकों का शोषण होता है इसलिए यह कमेटी इस मामले को वृहद रूप से देखेगी। इसमें अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त, प्रधान सचिव राज्य कर एवं आबकारी, सचिव कृषि और बागवानी के अतिरिक्त इस समिति में विभिन्न कृषि संघों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।
उन्होंने कहा कि निजी सी.ए. स्टोर मालिकों तथा अन्य लोगों द्वारा बागवानों के शोषण को रोकने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति गठित की जाएगी।