आपकी खबर, शिमला।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल में इस बार रिवाज बदल रहा है, यानी भाजपा की सरकार बनना लगभग तय है। अधिकतर एग्जिट पोल में भाजपा का पलड़ा भारी सामने आया है। हालांकि इस बार प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर भी बता रहे हैं। बता दें कि मीडिया ग्रुप आजतक के अनुसार भाजपा की 24-34, कांग्रेस की 30-40, आम आदमी पार्टी की 00-00, अन्य 04-08 सीटें आ रही हैं। बड़ी बात यह है कि न्यूज 24 और टुडेज चाणक्य के एग्जिट पोल में बीजेपी और कांग्रेस में कांटे की टक्कर और दोनों पार्टियों को 33-33 सीटें मिल रही हैं, वहीं अन्य के खाते में दो सीटें जाने की बात कही गई है। इसके अलावा हिमाचल में आम आदमी पार्टी का खाता खुलता नजर नहीं आ रही है। इंडिया टुडे-एक्सिस माय इंडिया के एग्जिट पोल में कांग्रेस की सरकार बनने का अनुमान जताया गया है। इसके अनुसार, कांग्रेस को 44 प्रतिशत मतों के साथ 30 से 40 सीट मिल सकती है, तो सत्तारूढ़ बीजेपी को 42 प्रतिशत मतों के साथ 24 से 34 सीट हासिल हो सकती है। इंडिया टीवी-मैट्रिज के चुनाव बाद सर्वेक्षण में कहा गया है कि हिमाचल प्रदेश में भाजपा को 35 से 40 सीट मिल सकती है, जबकि कांग्रेस को 26 से 31 सीट पाकर एक बार फिर से विपक्ष में रहना पड़ सकता है। न्यूज एक्स-जन की बात के एग्जिट पोल में भी हिमाचल प्रदेश में भाजपा को बढ़त मिलने का अनुमान जताया गया है। इसमें कहा गया है कि बीजेपी को 32 से 40 सीट मिल सकती है, तो कांग्रेस को 27 से 34 सीट मिलने का अनुमान जताया गया है। वहीं एबीपी न्यूज द्वारा सी वोट से करवाए गए सर्वे के अनुसार भाजपा की 33-41, कांग्रेस 24-32, आप-0 और अन्य की 4 सीटें आ रही हैं। रिपब्लिक टीवी-पीमार्क के एग्जिट पोल में अनुमान जताया गया है कि हिमाचल प्रदेश में भाजपा को 34 से 39 सीट मिल सकती है, जबकि कांग्रेस को 28 से 33 सीट हासिल हो सकती है। हिमाचल प्रदेश की 68 सदस्यीय विधानसभा के लिए 12 नवम्बर को मतदान हुआ था। हिमाचल के एक चरण में हुए मतदान के दौरान कुल 75.6 प्रतिशत वोटिंग हुई थी जोकि 2017 के विधानसभा चुनाव के 75.57 प्रतिशत के मुकाबले अधिक है। इसमें कुल महिला वोटरों में से 76.8 प्रतिशत और पुरुषों में से 72.4 प्रतिशत ने मताधिकार का इस्तेमाल किया था। वहीं तीसरे जेंडर का मतदान प्रतिशत 68.4 प्रतिशत था। हिमाचल प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग के अनुसार मतदान प्रतिशत 75.6 रहा। इसमें इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के माध्यम से 74.6 प्रतिशत वोट पड़े थे। इसके अलावा एक प्रतिशत पोस्टल बैलेट से मतदान हुआ था।