Saturday, July 27, 2024

भाजपा विधायक दल ने लाखों की संख्या में कांग्रेस के खिलाफ हस्ताक्षर राज्यपाल को सौंपे

  • भाजपा विधायक दल ने लाखों की संख्या में कांग्रेस के खिलाफ हस्ताक्षर राज्यपाल को सौंपे

आपकी खबर, शिमला।

भाजपा विधायक दल ने प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में लाखों की तादाद में हिमाचल के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल को कांग्रेस सरकार के खिलाफ जनता द्वारा किए गए हस्ताक्षर सौंपे।

 

कांग्रेस ने जिस प्रकार से 900 से अधिक सरकारी संस्थान बंद कर दिए जनता में इसको लेकर बहुत रोष है, जो इन लाखों हस्ताक्षरों के माध्यम से दिखता है।

विधायक दल में सभी मंडलों के आए हस्ताक्षर राज्यपाल को सौंपे और एक ज्ञापन भी दिया।

 

जयराम ठाकुर और विधायक दल द्वारा दिए गए ज्ञापन में कहा हिमाचल प्रदेश स्वच्छ राजनीति, सुशासन एवं स्वस्थ लोकतंत्र प्रणाली का द्योतक है। हिमाचल का इतिहास रहा है कि जब भी प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होता है तो नई सरकार पूर्व सरकार के कार्यों को आगे बढ़ाकर प्रदेशहित व जनहित में कार्य करती है।

 

बावजूद इसके यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि वर्तमान कांग्रेस सरकार द्वारा पूर्व भाजपा सरकार के समय जनहित में कैबिनेट मंजूरी के बाद एवं बजटीय प्रावधान के साथ विभिन्न विभागों के जो सरकारी संस्थान खोले गए थे, उन्हें राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से बिना कैबिनेट की मंजूरी के बंद कर दिया गया है। यह कांग्रेस पार्टी की संकीर्ण एवं दूषित मानसिकता का परिचायक है। वर्तमान सरकार की इस तानाशाहीपूर्ण कार्यशैली से प्रदेश की जनता को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।

 

ज्ञापन में कहा गया है कि हिमाचल प्रदेश एक पहाड़ी राज्य है और यहां की कठिन भोगौलिक परिस्थितियों एवं जनता की भारी मांग तथा सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए पूर्व भाजपा सरकार ने यह सरकारी संस्थान खोले थे और इन संस्थानों में कार्य सुचारू रूप से शुरू हो गया था तथा जनसुविधाएं मिलनी प्रारंभ हो गई थी, परन्तु खेद का विषय है कि कांग्रेस सरकार ने सत्ता प्राप्त करते ही इसका दुरूपयोग करते हुए लोगों को मिल रही सुविधाओं को छिनने का कार्य किया है। कांग्रेस को सत्ता में आए लगभग तीन महीने का समय हो गया है और इस कार्यकाल के दौरान सरकार द्वारा एक भी निर्णय जनहित में नहीं लिया गया है जोकि इस सरकार की कार्यप्रणाली पर एक प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है ।

 

ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि सरकार का कार्य जन इच्छाओं को ध्यान में रखते हुए विकास की गति को आगे बढ़ाने का होता है परन्तु वर्तमान कांग्रेस सरकार इसके विपरीत कार्य कर रही है। कांग्रेस सरकार ने हिमाचल प्रदेश में अब तक 900 से अधिक सरकारी संस्थानों को बंद कर जनमत के विरूद्ध कार्य किया है, जिससे न केवल सरकारी धन की बर्बादी हुई, बल्कि सरकारी कर्मचारियों एवं अधिकारियों को भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। यही नहीं, प्रदेश सरकार का यह सिलसिला यहीं बंद नहीं हुआ और अब इस सरकार ने शिक्षण संस्थानों को डिनोटिफाई करने का कार्य प्रारंभ कर दिया है।

 

इस समय सभी कॉलेजों एवं स्कूलों में कक्षाएं चल रही है और ऐसे में कॉलेजों एवं स्कूलों को बंद करने के आदेश देना जनहित में नहीं है, क्योंकि इससे विद्यार्थियों की पढ़ाई पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। इस प्रकार के निर्णय न केवल जनविरोधी है बल्कि कांग्रेस पार्टी के तानाशाही रवैये को भी दर्शाते हैं जिन्हें कदापि सहन नहीं किया जा सकता।

 

भारतीय जनता पार्टी की पूर्व सरकार ने कोविड-19 का दंश झेला व हिमाचल प्रदेश की जनता को कोरोना महामारी के दौरान चिकित्सीय एवं जीवन-यापन सम्बन्धी सुविधाएं प्रदान करने का ऐतिहासिक कार्य किया। महामारी के इस कठिन दौर में नये कार्यालय खोलने की कल्पना करना भी संभव नहीं था परन्तु प्रदेश की जनता, चुने हुए जन प्रतिनिधियों की मांग को ध्यान में रखते हुए पूर्व भाजपा सरकार ने इन सरकारी संस्थानों/शिक्षण संस्थानों को बजटीय प्रावधान के साथ खोला था परन्तु प्रदेश सरकार केवल राजनीतिक द्वेष भावना से हिमाचल प्रदेश में लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं जनभावनाओं का हनन करने का प्रयास कर रही है जो कि सर्वथा अनुचित है। कांग्रेस सरकार को चाहिए था कि वो पूर्व भाजपा सरकार के कार्यों को आगे बढ़ाकर प्रदेश के विकास के लिए कार्य करती परन्तु यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस सरकार सत्ता प्राप्ति के बाद से ही अपनी राजनैतिक इच्छाओं की पूर्ति के लिए जनहितों के विरूद्ध कार्य कर रही है, जिसकी भारतीय जनता पार्टी कड़े शब्दों में आलोचना करती है।

 

भारतीय जनता पार्टी हिमाचल प्रदेश ने सरकार के इन तुगलकी फरमानो के विरुद्ध पूरे प्रदेश में जनांदोलन के माध्यम से हस्ताक्षर अभियान चलाया, जिसमें स्थानीय जनता ने स्वेच्छा से बढ़चढ़कर भाग लेते हुए सरकार के इन जनविरोधी निर्णयों के विरुद्ध हस्ताक्षर कर अपना विरोध प्रकट किया। भारतीय जनता पार्टी, हिमाचल प्रदेश जनता द्वारा हस्ताक्षरित इन दस्तावेजों एवं जनभावनाओं को ध्यान में रखते हुए आपसे विनम्र आग्रह करती है। कि प्रदेश सरकार द्वारा राजनैतिक द्वेष की भावना से लिए गए इन सभी निर्णयों को तुरंत जनहित में वापिस लेने के आदेश दिए जाएं ताकि प्रदेश में विकास की अविरल धारा निरंतर प्रवाहित होती रहे और एक स्वस्थ लोकतंत्र की स्थापना हो सके।

 

इस प्रतिनिधिमंडल में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल, विधायक सतपाल सत्ती ,राकेश जमवाल , रणधीर शर्मा , अनिल शर्मा , हंसराज, त्रिलोक जम्वाल, सुखराम चौधरी, बलबीर वर्मा, रीना कश्यप, जनक राज, डी एस ठाकुर , रणवीर सिंह निक्का , विक्रम ठाकुर, विपिन सिंह परमार ,पवन काजल, सुरेंद्र शौरी , दीप राज कपूर, लोकिंदर कुमार, विनोद कुमार, पूर्णचंद , प्रकाश राणा , इंदर सिंह गांधी, दिलीप ठाकुर ,जे आर कटवाल

वरिष्ठ नेता मंत्री सुरेश भारद्वाज, संजय सूद, रवि मेहता, भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष संजीव कटवाल, प्रदेश उपाध्यक्ष पायल वैद्या, प्रदेश सचिव कुसुम सदरेट, प्रदेश सह मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा और कार्यालय सचिव प्यार सिंह कंवर उपस्थित रहे।

Get in Touch

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related Articles

spot_img

Latest Posts