– बजट सत्र के दूसरे दिन एमएलए दीपराज ने सदन में करसोग क्षेत्र के तीन अहम विषयों को रखा
आपकी ख़बर, शिमला।
प्रदेश विधानसभा बजट सत्र के दूसरे दिन भी युवा विधायक दीपराज ने करसोग क्षेत्र के प्रमुख मुद्दों को उठाया। उन्होंने किसानों की प्रमुख मांग पर कृषि मंत्री से प्रश्न किया कि करसोग विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत चुराग के समीप चारकुफरी में सब्जी मंडी के निर्माण की अद्यतन स्थिति क्या है? कृषि मंत्री की ओर से इस विषय की जानकारी सूचना सभा पटल पर रखी गई। उन्होंने अवगत करवाया कि विकास खंड चुराग के चारकुफरी, मुहाल कुफरी पांगणा में उप मंडी के निर्माण हेतु 1.09 हैक्टेयर वन भूमि की वन संरक्षण अधिनियम, 1980 के अंतर्गत सैद्धांतिक स्वीकृति 9 जुलाई, 2021 को प्राप्त हो चुकी है। द्वितीय चरण की स्वीकृति अभी प्राप्त होनी शेष है। निर्माण कार्य भूमि अंतिम रूप से परिवर्तित होने व अन्य औपचारिकताएं पूर्ण किए जाने पर ही आरम्भ किया जाना संभव है।
डिप्टी सीएम से पूछा- कब तक पूर्ण होगा एचआरटीसी वर्कशॉप करसोग का निर्माण कार्य
विधायक दीपराज ने हिमाचल पथ परिवहन निगम करसोग की वर्कशॉप के रुके निर्माण कार्य के संबंध में प्रश्न दर्ज करवाया। उन्होंने अपने प्रश्न में पूछा कि क्या उपमुख्यमंत्री अवगत करवाएं कि यह सत्य है कि करसोग एच.आर.टी.सी. की वर्कशॉप का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं किया गया है, यदि हां, तो सरकार इस कार्य को शीघ्र पूर्ण करने हेतु क्या पग उठा रही है? इस पर उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री की ओर से जवाब आया कि यह सत्य है कि हिमाचल पथ परिवहन निगम करसोग की वर्कशॉप का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं किया गया है। करसोग में हिमाचल पथ परिवहन निगम की कर्मशाला के निर्माण हेतु प्राक्कलन तैयार करने के उपरान्त 9,97,44,100 रुपए की प्रशासनिक स्वीकृति प्रबन्ध निदेशक, हिमाचल पथ परिवहन निगम द्वारा प्रदान की गई है। इस कर्मशाला का निर्माण कार्य पर्याप्त धन उपलब्ध होने पर शुरू कर दिया जाएगा।
पशुओं व पशुपालकों से जुड़े विषय को भी किया उजागर
विधायक दीपराज ने पशुओं एवं पशुपालकों से जुड़े विषय को भी सदन में प्रमुखता से रखा। उन्होंने कृषि एवं पशुपालन मंत्री से अतारांकित प्रश्न लगाते हुए पूछा कि प्रदेश में संभावित सूखे की स्थिति के कारण पशुओं के लिए चारे तथा पानी की किल्लत हो सकती है, ऐसी स्थिति से निपटने हेतु राज्य सरकार क्या पग उठाने का विचार रखती है? इस पर कैबिनेट मंत्री द्वारा जवाब दिया गया कि वर्तमान में हिमाचल प्रदेश में सूखे की स्थिति नहीं है लेकिन यह सत्य है कि गत वर्ष और इस वर्ष अभी तक सामान्य से कम वर्षा होने के कारण कृषि एवं पशु पालन क्षेत्र में स्थिति चिन्ताजनक बनी हुई है। विभाग द्वारा प्रदेश में सूखे की सम्भावना को देखते हुए निरंतर नजर रखी जा रही है। सरकार चारे और पानी की आपूर्ति के लिए आवश्यक कार्यवाही करेगी। विभाग को इस संदर्भ में आवश्यक निर्देश जारी किए गए हैं।