आपकी खबर, करसोग।
हिमाचल प्रदेश अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम-1989 के अंतर्गत कुफरीधार पंचायत में एक दिवसीय जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के करसोग तहसील कल्याण अधिकारी के सौजन्य से आयोजित इस शिविर में डीएसपी करसोग गीताजंलि ठाकुर मुख्यातिथि के रूप में उपस्थित हुई। शिविर में डीएसपी गीताजंलि ठाकुर ने कहा कि अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के लोगों के लिए अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 के अंतर्गत विशेष प्रावधान किए गए है। उन्होंने कहा कि इस शिविर का मुख्य उद्देश्य इस वर्ग से संबंध रखने वाले लोगों को एट्रोसिटी एक्ट के माध्यम से प्रदान किए गए विशेष अधिकारों के प्रति जागरूक करना है। उन्होंने कहा कि यह कानून अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के लोगों के सम्मान, स्वाभिमान और उनके उत्थान एवं हितों की रक्षा के लिए बनाया गया है। यदि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति से संबंध रखने वाले किसी भी व्यक्ति के साथ किसी प्रकार का कोई भेदभाव किया जाता है तो ऐसे मामलों में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई व दंड का प्रावधान इस अधिनियम में किया गया है। डीएसपी ने कहा की अनुसूचित जाति, जनजाति से संबंध रखने वाले लोगों को सार्वजनिक स्थानों पर जाने से रोकना, सार्वजनिक बावड़ियों से उन्हें पानी भरने से रोकना, उनका रास्ता रोकना तथा उनका सामाजिक वहिष्कार करना आदि ऐसे मामले हैं, जिनमे किसी व्यक्ति के दोषी पाए जाने पर अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम-1989 के अन्तर्गत कठोर दण्ड का प्रावधान किया गया है। उन्होंने इस मौके पर उपस्थित लोेगों को साइबर अपराधों से बचाव, नशा निवारण, घरेलू हिंसा और अन्य किसी प्रकार के प्रलोभन में न आने के बारे में भी जागरूक किया। तहसील कल्याण अधिकारी करसोग भोपाल शर्मा ने इस अवसर पर जनहित में विभाग के माध्यम से चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनओं की जानकारी प्रदान की। उन्होंने लोगों से आहवान किया कि जनहित में राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाने के लिए सभी पात्र लोगों को आगे आना चाहिए। जागरूकता शिविर में महिला मंडलों, युवक मंडलों और पंचायत के दर्जनों लोगों ने भाग लिया। शिविर में स्थानीय पंचायत प्रधान चुनी लाल ठाकुर सहित पंचायत के विभिन्न चुने हुए प्रतिनिधि उपस्थित थे।