- कैसे भूलें उन बलिदानियों को जिनकी बदौलत आज हमारा देश है : राजीव बिंदल
- शिमला ग्रामीण से किया “मेरी माटी-मेरा देश कार्यक्रम” का शुभारंभ, दोहराए पंच प्रण
आपकी खबर, शिमला। 2 सितंबर, 2023
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेरी माटी-मेरा देश अभियान को साकार करने की दिशा में प्रदेश भाजपा आगे बढ़ रही है। शनिवार को शिमला ग्रामीण के शोघी में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राजीव बिंदल ने कार्यक्रम की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि हम राष्ट्र का चिंतन करते हैं, देश का चिंतन करते हैं। साथ ही उन बलिदानियों का भी, जिनकी बदौलत आज हमारा देश है। हम उनके द्वारा दिए गए बलिदान को नहीं भूल सकते। यह भाव घर घर तक पहुंचे, इसके लिए यह अभियान चलाया जा रहा है।
कार्यक्रम में इस कार्यक्रम में प्रदेश संयोजिका पायल वैद्य, प्रदेश उपाध्यक्ष संजीव कटवाल, पूर्व प्रत्याशी रवि मेहता, सुदीप महाजन, कंवर प्यार सिंह, प्रदेश कार्यालय सचिव प्रमोद ठाकुर, सह सचिव किरण बावा, सपना कश्यप, जिलाध्यक्ष प्रेम ठाकुर, मंडल अध्यक्ष यशपाल ठाकुर, ईश्वर रोहाल, तरसेम भारती, अनुराधा शर्मा, पूर्व मंडल अध्यक्ष प्रेम शर्मा, मोहन सिंह ठाकुर, रणदीप कंवर, दिनेश ठाकुर, संजीव देष्टा, महामंत्री संजीव चौहान, प्रमोद शर्मा, महेन्द्र शर्मा, कपिल वर्मा, महेंद्र रोहाल,चंदन शर्मा, इंद्र ठाकुर, नरेंद्र शर्मा, मदन शर्मा, प्रमोद कुमार, भूपराम वर्मा, तृप्ता वर्मा, प्रेम चौहान, वीएन शर्मा, विवेक शर्मा आशा कश्यप, जयदेव, कमलेश शर्मा, ताराचंद शर्मा, अनिल शर्मा, अनुज शर्मा, हरीश शर्मा, राहुल ठाकुर, राहुल शर्मा, अजय ठाकुर, सुमित ठाकुर ज़िला व मंडल पदाधिकारी मौजूद रहे।
बिंदल ने कहा कि बीते 15 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका आह्वान किया था। इसी दिशा में हिमाचल के अलग अलग स्थानों में इस तरह के कार्यक्रम किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि यह अभियान मात्र अभियान नहीं है, जन जागरण है। भारत के इतिहास पर हम जब दृष्टिपात करते हैं, तो इस धरती माता की रक्षा के लिए हर काल में लाखों-लाखों लोगों ने अपना बलिदान दिया। तब जाकर भारत माता आज एक हजार साल की गुलामी के बाद भी भारतीय संसकृति को समेटे हुए जीवित है। भारत वो देश है जहां बलिदानियों की पूजा हुई है। जहां इस धरती माता के लिए मर मिटने वालों के सदा-सदा मेले लगते हैं और इस धरती का उपभोग करने वालों को भारत का समाज कभी श्रद्धा की दृष्टि से नहीं देखता।
बिंदल ने कहा कि महाराणा प्रताप आज इसलिए पूजनीय है, क्योंकि उन्होंने गुलामी को स्वीकार नहीं किया और भारत माता की रक्षा के लिए सर्वस्व न्योछावर किया। गुरू गोविन्द सिंह महाराज इसलिए पूजनीय हैं कि उन्होनें धर्म की रक्षा हेतु विश्व का सबसे बड़ा बलिदान पिता का बलिदान, स्वयं का बलिदान, चारों पुत्रों का बलिदान दिया। सरदार भगत सिंह, राजगुरू, चंद्रशेखर आजाद, बटुकेश्वर, अशफाक उल्ला खां, स्वतंत्र वीर सावरकर, नेता जी सुभाष चंद्र बोस, लाला लाजपतराय, रानी लक्ष्मीबाई, तांत्या टोपे, कृष्णदेव राय, छत्रसाल, रानी गाईडिल्यु, बिरसा मुंडा भगवान जैसे हजारों बलिदानियों के नाम लिए जा सकते हैं जिन्होनें इस माटी की सौगंध खाकर अपना सर्वस्व न्योछावर करते हुए देश की रक्षा की।
अमृतकाल की बेला में जब देश ने यह संकल्प लिया कि हमें भारत माता का खोया हुआ गौरव पुर्नस्थापित करना है और भारत को विश्व की महाशक्ति के रूप में खड़ा करना है, ऐसे समय पर माटी का वंदन समय की आवश्यकता है। देश का प्रत्येक व्यक्ति भारत माता के प्रति, भारत की माटी के प्रति अपनी श्रद्धा, अपनी भावना को अर्पित करे। वो एक चुटकी माटी करोड़ों-करोड़ों परिवारों से एकत्र होती हुई दिल्ली पहुंचे और वहां पर भावनाओं से ओत-प्रोत उस माटी से ‘‘अमृतवन’’ का निर्माण हो और एक देशभक्ति का ज्वारभाटा पूरे देश में फैले।
- बिंदल ने दोहराए पंच प्रण
विकसित भारत का संकल्प, गुलामी की मानसिकता से मुक्ति, हमारी विरासत पर गर्व, एकता और एकजुटता और नागरिकों का कर्तव्य। उन्होंने कहा कि ये पंच प्रण मेरे देश को नई दिशा देंगे। विगत 75 सालों में मेरा देश बहुत आगे बढ़ा है परन्तु यह नाकाफी है। हमें देश के प्रत्येक नागरिक को आगे बढ़ाना है। एक हजार साल की गुलामी की मानसिकता को छोड़ते हुए हमारी सांस्कृतिक धरोहर पर विश्वास पैदा करना है। हम सबको एक सूत्र में बंधकर कर्तव्य परायणता के साथ राष्ट्र निर्माण में जुट जाना है। यह राष्ट्र पुरूष नरेन्द्र भाई मोदी का आह्वान है।