Friday, May 17, 2024

फाइलों में विकासात्मक योजनाएं तैयार, विजिलेंस ने दर्ज की एफआईआर

  • फाइलों में विकासात्मक योजनाएं तैयार, विजिलेंस ने दर्ज की एफआईआर
  • करसोग की मैंढ़ी पंचायत में स्पॉट विजिट करने पहुंची विजिलेंस की टीम
  • विकास कार्यों में तकरीबन साढ़े 48 लाख रूपए के गोलमाल का आरोप

 

आपकी खबर, करसोग। 26 नवंबर

 

जिला मंडी के विकास खण्ड करसोग में मिली भगत के चलते महज फाईलों में ही विकासात्मक योजनाएं तैयार करने का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है। जिम्मेदार नागरिक की भूमिका निभाते हुए स्थानीय लोगों ने इस मामले से पर्दा उठाते हुए राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को शिकायत भेजी जिसके आधार पर तथ्यों को खंगालते हुए विजिलेंस ने एफआईआर दर्ज कर ली है। मामले की पुष्टि सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो मंडी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कुलभूषण वर्मा ने की है।

विकास खण्ड करसोग की दुर्गम पंचायत मैंढ़ी में विभिन्न विकासात्मक कार्यों में बड़े पैमाने पर मिलीभगत के चलते सरकारी धन डकारने का मामला उजागर होने पर गोलमाल करने वालों में हडकम्प मच गया है। शिकायत के आधार पर लगाए गए आरोपों के चलते वर्ष 2016 से 2020 तक मैंढ़ी पंचायत के विभिन्न विकासात्मक कार्यों में तकरीबन साढ़े 48 लाख रूपए का गबन किया गया है।

सरकारी धन के गबन का आरोप पूर्व पंचायत प्रधान सहित तत्कालीन पंचायत सचिव व तकनीकी सहायक पर लगा है। फाईलों में बनाई गई सड़कों के निर्माण के अलावा दर्जनों विकासात्मक कार्य ऐसे भी हैं जिन्हे कागजों में ही पूरा किया गया, जबकि धरातल पर इन विकास कार्यों को उतारा ही नहीं गया है।

सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो मंडी की टीम इंस्पैक्टर रैंक के अधिकारी मुनीष कुमार के नेतृत्व में स्पॉट विजिट करने मैंढ़ी पंचायत पहुंची तथा मौके का निरीक्षण करने पर पाया कि सड़कों का निर्माण हुआ ही नहीं है। जबकि सड़क निर्माण के नाम पर फर्जी बिल व दस्तावेजों के आधार पर सरकारी खजाने में सुनियोजित तरीके से सेंध लगाई गई है।

फाईलों में जिस गांव के लिए सड़क होनी चाहिए वहां पर सड़क के नाम पर कुछ भी नहीं है। फर्जी दस्तावेजों व फर्जी मजदूरों के दम पर फाईलों में सड़क बनाने का दावा सड़क निर्माण करवाने वाले ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की पकड़ में भी नहीं आ पाया। सरकार व संबधित विभाग की आंखों में धूल झोंककर किया गया यह घोटाला स्थानीय लोगों की सूझबूझ के चलते ही विजिलेंस तक पहुंच पाया।

बहरहाल, सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो मंडी ने इस मामले में मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। विजिलेंस टीम ने मैंढ़ी पंचायत में हुए विकासात्मक कार्यों की छानबीन करने के बाद पंचायत का रिकार्ड कब्जे में ले लिया है। जिसके आधार पर मामले की जांच आगे बढ़ाई जाएगी।

 

  • नियमानुसार की जाएगी कानूनी कार्यवाई : कुलभूषण वर्मा

सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो मंडी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कुलभूषण वर्मा ने बताया कि इस मामले में नियमानुसार कानूनी कार्यवाई की जाएगी। विजिलेंस ने मामले में पूर्व प्रधान, तत्कालीन सचिव व तकनीकी सहायक के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 120बी, 467, 468 व 471 के अलावा हिमाचल प्रदेश स्पेशल प्रिवेंशन ऑफ क्रप्शन एक्ट 1983 की धारा 13 व प्रिवेंशन ऑफ क्रप्शन एक्ट 1988 के तहत मामला दर्ज किया है। जांच के दौरान जुटाए जाने वाले साक्ष्यों के आधार पर नियमानुसार आगामी कार्यवाई की जाएगी।

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