आपकी खबर, करसोग।
राज्य सरकार द्धारा अनेक जनहितैषी व कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से गर्भवती व धात्री माताओं व बच्चों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित किया जा रहा है। प्रदेश में अनेक आंगनबाड़ी केन्द्रों का संचालन किया जा रहा है। जिनके माध्यम से गर्भवती महिलाओं व बच्चों को विभिन्न प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही है। इनमें बच्चों और गर्भवती महिलाओं को पूरक पोषाहार, पोषण एवं स्वास्थ्य परामर्श, अनौपचारिक पूर्व विद्यालय शिक्षा, स्वास्थ्य जांच और टीकाकरण जैसी सुविधाएं शामिल है।
288 आंगनबाड़ी केंद्र किए जा रहे है संचालित
बाल विकास परियोजना करसोग के माध्यम से क्षेत्र में वर्तमान में 288 आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित किये जा रहे है। इनमें 259 आंगनबाड़ी केंद्र, 25 मिनी आंगनबाड़ी केंद्र ग्रामीण क्षेत्र में जबकि 4 आंगनबाड़ी केंद्र शहरी क्षेत्र में चलाए जा रहे है। इन आंगनबाड़ी केंद्रों में से 56 केंद्र विभागीय आंगनबाड़ी भवनों में, 10 केंद्र सरकारी भवनों में, 33 स्कूलों में और 189 केंद्र निजी भवनों में संचालित किए जा रहे है। इनके माध्यम से 0 से 6 वर्ष की आयु वर्ग के बच्चों और गर्भवती व धात्री महिलाओं को लाभान्वित किया जा रहा है।
7517 पात्र लाभार्थियों को किया जा रहा है लाभान्वित
परियोजना के अन्तर्गत संचालित किए जा रहे कुल आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से 7517 पात्र लाभार्थियों को लाभान्वित किया जा रहा है। इनमें गर्भवती महिलाएं, धात्री माताओं सहित 0-6 वर्ष की आयु वर्ग के बच्चे शामिल हैं। इन्हें पूरक पोषाहार, पोषण एवं स्वास्थ्य परामर्श, अनौपचारिक पूर्व विद्यालय शिक्षा, स्वास्थ्य जांच और टीकाकरण जैसी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही है। बच्चों के शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक विकास के लिए भी अनेक गतिविधियां आयोजित की जा रही है।
पोषाहार किया जा रहा है प्रदान
करसोग में संचालित किए जा रहे सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों, गर्भवती महिलाओं और धात्री माताओं को प्रतिदिन प्रोटीन युक्त स्वास्थ्य वर्धक पौष्टिक आहार उपलब्ध करवाया जा रहा है। पोषाहार कार्यक्रम के अन्तर्गत क्षेत्र के 6 माह से 3 वर्ष की आयु वर्ग के 2861 बच्चों, 3 से 6 वर्ष की आयु के 1386 बच्चों और 1003 माताओं को पोषाहार प्रदान किया जा रहा है। पूरक पोषक आहार में प्रतिदिन बच्चों को 500 कैलोरी, 12 से 15 ग्राम प्रोटीन और अतिकुपोषित बच्चों को 800 कैलोरी व 20 से 25 ग्राम प्रोटीन प्रतिदिन उपलब्ध करवाया जा रहा है। गर्भवती महिलाओं व धात्री माताओं को प्रतिदिन 600 कैलोरी व 20 से 25 ग्राम प्रोटीन प्रदान किया जाता है। जिसका उद्देश्य बच्चों, गर्भवती महिलाओं व धात्री माताओं में होने वाली प्रोटीन की कमी को पूरा करना है। पोषाहार में बच्चों और माताओं को पुलाव, मीठा दलिया, मीठे चावल, नमकीन दलिया, सेवियां, राजमह, चने, न्यूट्रीमिक्स और बिस्कुट आदि उपलब्ध करवाए जाते है। सभी निर्धारित रेसिपी सप्ताह में 6 दिन बदल-बदल कर दी जाती है।
टीकाकरण किया जा रहा सुनिश्चित
स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से गर्भवती महिलाओं को टेटनस व 0 से 1 वर्ष की आयु वर्ग के बच्चों को 6 जानलेवा बीमारियों से बचाव व रोकथाम हेतू टीकाकरण करवाने में आंगनवाड़ी केंद्र अपनी महत्वपूर्ण भमिका निभा रहे है। गर्भवती महिलाओं व बच्चों की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए आंगनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम से समय-समय पर उनका टीकाकरण करवाया जा रहा है। करसोग में एक अप्रैल, 2023 से 30 नवम्बर, 2023 तक पंजीकृत सभी 681 बच्चों के टीकाकरण का कार्य पूर्ण किया चुका है।
हर माह स्वास्थ्य जांच
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत नियुक्त चिकित्सा टीम द्धारा साल में 2 बार आंगनबाड़ी केन्द्रों में पंजीकृत बच्चों व माताओं की स्वास्थ्य जांच की जाती है। इसके अतिरिक्त स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से आंगनबाड़ी केंद्रों में ग्राम स्वास्थ्य स्वछता एवं पोषण दिवस का आयोजन हर माह प्रथम बुधवार के दिन किया जाता है। इस कार्यक्रम में आशा वर्कर और एएनएम की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाती है। स्वास्थ्य जांच के दौरान किसी बिमारी से ग्रस्त या अतिकुपोषित पाए जाने वाले बच्चों को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा प्राथमिक चिकित्सा केंद्र अथवा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लाया जाता है और बच्चों पर निगरानी रखी जाती है। आंगनबाड़ी केंन्द्रों में फस्ट एड बाक्स भी उपलब्ध रहता है।
कल्याणकारी योजनाओं से किया जा रहा है लाभान्वित
बाल विकास परियोजना अधिकारी करसोग विपाशा भाटिया ने बताया कि आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से राज्य सरकार की जनहितैषी व कल्याणकारी योजनाओं से गर्भवती व धात्री माताओं व बच्चों को लाभान्वित किया जा रहा है। बच्चों और गर्भवती महिलाओं को पूरक पोषाहार, पोषण एवं स्वास्थ्य परामर्श, अनौपचारिक पूर्व विद्यालय शिक्षा, स्वास्थ्य जांच और टीकाकरण जैसी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही है।