आपकी खबर, किन्नौर।
आजादी के 75वें अमृत महोत्सव व हिमाचल प्रदेश के पूर्ण राज्यत्व स्वर्णिम जयंति वर्ष पर केंद्रीय जनजातीय मंत्रालय व जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित राज्य स्तरीय जनजातीय नृत्य प्रतियोगिता में शेशेरिंग नागस एक्स जोन कल्ब पांगी किन्नौर ने प्रथम स्थान प्राप्त कर जीती ट्राॅफी। द्वितीय स्थान पर देवी दुर्गा सांस्कृतिक कल्ब उरनी रहा जबकि तीसरे स्थान पर लयूर सुर-संगम गांव शांशा केलांग जिला लाहौल-स्पीति रहा।
हिमाचल प्रदेश वन विकास निगम के उपाध्यक्ष सूरत नेगी ने विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए। प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले सांस्कृतिक दल को ट्राॅफी व 50 हजार रुपये का नगद पुरूस्कार, द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले को ट्राॅफी व 25 हजार रुपये का नगद पुरूस्कार तथा तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले को 15 हजार रुपये का नगद पुरूस्कार व ट्राॅफी प्रदान की गई।
राज्य स्तरीय जनजातीय नृत्य प्रतियोगिता में प्रदेश के विभिन्न जनजातीय उपमण्डलों के 7 संास्कृतिक दलों ने भाग लिया जिनमें मूलसिल लिंग बुद्धिस्ट कलचर एसोसिएशन काजा जिला लाहौल स्पीति, लयूर सुरसंगम गांव शांशा तहसील केलांग जिला लाहौल स्पीति, गद्दी सांस्कृतिक मंच रूहन कोठी तहसील भरमौर जिला चंबा, धौलाधार सांस्कृतिक दल दाड़नू जिला कांगड़ा, देवी-दूर्गा सांस्कृतिक कल्ब उरनी निचार उपमण्डल जिला किन्नौर, गुरू पद्मसंभव युवक मण्डल हांगो उपमण्डल पूह जिला किन्नौर व शेशेरिंग नागस एक्स जोन कल्ब पांगी कल्पा उपमण्डल जिला किन्नौर के सांस्कृति दल शामिल थे।
इस दौरान जहां किन्नौर जिला के सांस्कृतिक कल्बों द्वारा कांयग नृत्य किया गया वहीं मुनसिल लिंग कलचर एसोसिएशन काजा काजा की महिलाओं ने स्पीति घाटी में शुभ अवसर व मुख्य अतिथि के आगमन पर गाए जाने वाले नृत्य की प्रस्तुति दी। गद्दी सांस्कृतिक दल रूहन कोठी भरमौर उपमण्डल जिला चंबा के कलाकारों ने भरमौर के प्राचीन नृत्य डन्दादरस प्रस्तुत किया जो भोले शंकर की पूजा अर्चना में समर्पित रहता है। लयूर सुर-संगम शांशा केलांग जिला लाहौल स्पीति के कलाकारों ने तेमगेल नृत्य की प्रस्तुति दी। इस दौरान महिलाओं व पुरूष कलाकारों द्वारा अपने हाथों में पवित्र खतक लेकर नृत्य किया गया।
धौलाधार सांस्कृतिक दल दाड़नू जिला कांगड़ा के कलाकारों द्वारा गद्दी नृत्य व केलंगी नाटी प्रस्तुत की गई। भगावान शिव की स्तुति में गद्दी समुदाय के लोग यह नाटी करते हैं जो मुख्यतः जात्र मेलों, शादी व नूआला समारोह में की जाती है जिसमें महिलाएं व पुरूष मिलकर नृत्य करते हैं। महिलाएं इस दौरान नुआचड़ी, डौरा, खकास व चांदी के आभूषण पहनती हैं जबकि पुरूष भेड़ की ऊन के बने चूलू, डौरा, चूड़ीदार पजामी, साफा और विशेष प्रकार की एक लंबी टोपी पहनकर नृत्य करते हैं।
इस दौरान नृत्य प्रतियोगिता में शामिल होने वाले सभी सांस्कृतिक दलों को मुख्य अतिथि द्वारा स्मृति चिन्ह भी भेंट किए गए।
समापन समारोह में उपायुक्त किन्नौर एवं अध्यक्ष मेला समिति आबिद हुसैन सादिक, पुलिस अधीक्षक किन्नौर अशोक रत्न, उपमण्डलाधिकारी निचार मनमोहन सिंह, जिले के विभिन्न विभागाध्यक्ष व निर्णायक मण्डल में शामिल सेवानिवृत्त लोक सम्पर्क अधिकारी आर.एस नेगी, ठाकुर सेन नेगी राजकीय महाविद्यालय रिकांग पिओ की प्रोफेसर शिला नेगी व विद्यामणी उपस्थित थे।