- निर्मला सीतारमण के श्वेत पत्र ने खोली कांग्रेस को पोल : कश्यप
आपकी खबर, शिमला। 9 फरवरी
भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा जिला शिमला का एक दिवसीय सम्मेलन जिला के अध्यक्ष सत्य प्रकाश मानक की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। इसमें विशेष रूप से प्रदेश अध्यक्ष डॉ० राजीव बिन्दल रहे, जिन्होंने अनुसूचित जाति मोर्चा के कार्यकर्त्ताओं से आह्वान किया कि 2024 के चुनाव में मोर्चा पूरी ताकत से 33 प्रतिशत बहुल बूथ पर हर घर में जाकर केन्द्र सरकार की योजनाओं का प्रचार करे।
इस कार्यक्रम में पूर्व में सांसद, अनुसूचित जाति के प्रदेश प्रभारी वीरेन्द्र कश्यप ने कहा कि मोदी सरकार ने गत दस वर्षों में जो भी योजनाएं चलाईं, उसका केन्द्र हमेशा गरीब परिवार को रखा। चाहे उज्जवला योजना की बात हो, चाहे शौचालय की बात हो, चाहे प्रधानमंत्री आवास योजना की बात हो, सब में गरीब परिवार को फायदा हुआ। भ्रष्टाचार मुक्त सरकार चलाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि निर्मला सीतारमण ने जो श्वेत पत्र पेश किया उससे कांग्रेस का चेहरा बेनकाब हो गया है।
प्रदेश अध्यक्ष राकेश डोगरा ने अनुसूचित जाति मोर्चा के कार्यक्रम जो आगामी आने वाले है, उसकी रूपरेखा रखी। जिसमें दलित युवा संवाद, जोकि 7 फरवरी से माता रमाबाई आम्बेडकर की जयंती से शुरू किया गया। इसमें दलित छात्रावास में जाकर संवाद करना है। यह कार्यक्रम 13 फरवरी तक चलेगा। 14 फरवरी से बस्ती सम्पर्क अभियान चलाया जायेगा, जो 5 मार्च तक चलेगा।
जिला अध्यक्ष सत्य प्रकाश मानक ने गत दिनों में कि गई गतिविधियों को सबके सामने रखा। साथ ही सभी कार्यकर्ताओं से आग्रह किया कि प्रदेश व जिला के आदेशानुसार आगामी जो भी कार्य योजना आयेगी, उसको धरातल पर उतराने के लिए मोर्चा पहले भी तत्पर था और आगे भी रहेगा।
मोर्चा उपाध्यक्ष गौरव कश्यप ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बीते वीरवार को लोकसभा में श्वेत पत्र पेश किया। 59 पेज के श्वेत पत्र में 2014 से पहले और 2014 के बाद की भारतीय अर्थव्यवस्था की जानकारी दी गई है। इसमें बताया गया है कि किस तरह यूपीए सरकार के दस सालों में इकोनॉमी मिस मैनेजमेंट का नुकसान भारत को झेलना पड़ा।
श्वेत पत्र में लिखा है कि 2014 में कोयला घोटाले ने देश की अंतरात्मा को झकझोर कर रख दिया था। 2014 से पहले कोयला ब्लॉकों का आबंटन ब्लॉक आबंटन की पारदर्शी प्रक्रिया का पालन किए बिना मनमाने आधार पर किया गया था। कोयला क्षेत्र को कॉम्पिटिशन और ट्रांसपेरेंसी से बाहर रखा गया था। एजेंसियों द्वारा जांच की गई और 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने 1993 से आबंटित 204 कोयला खदानों/ब्लॉकों का आबंटन रद्द कर दिया।
यूपीए सरकार में 122 दूरसंचार लाइसेंसों से जुड़ा 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला हुआ। इसमें कैग के अनुमान के अनुसार सरकारी खजाने को 1.76 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। कोयला घोटाले में सरकारी खजाने को 1.86 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। कॉमनवेल्थ गेम्स (सीडब्ल्यूजी) घोटाले ने राजनीतिक अनिश्चितता के माहौल का संकेत दिया।