आपकी खबर, किन्नौर।
उपायुक्त किन्नौर आबिद हुसैन सादिक ने आज यहां वन अधिकार अधिनियम-2006 पर आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला के समापन सत्र की अध्यक्षता करते हुए कहा कि उन्हें विश्वास है कि जिला प्रशासन व हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान के सयंुक्त तत्वाधान में आयोजित इस कार्यशाला से जिला स्तरीय समिति व उपमण्डल स्तरीय समिति के गैर-सरकारी व सरकारी सदस्यों को अधिनियम की बारीकियों के बारे में जानकारी हासिल कर लाभान्वित हुए होंगे और इससे अब वे एफ.आर.ए से संबंधित मामलों का सही प्रकार से कार्यन्यवन बना सकेंगे।
उन्होंने कहा कि अभी तक लोगों को वन अधिकार अधिनियम-2006 के विभिन्न प्रावधानों के बारे में अनेक भ्रांतियां थी। इन्हीं भ्रांतियों को दूर करने तथा अधिनियम के प्रावधानों के बारे में जागरूक करने के लिए इस कार्यशाला का आयोजन किया गया है। उन्होंने उपमण्डल स्तर की समितियों से भी आग्रह किया कि वे वन अधिकार अधिनियम-2006 से संबंधित मामलों में सभी औपचारिकताएं पूर्ण कर मामलों को जिला स्तरीय समिति को भेजें ताकि उस पर शीघ्र कार्यवाही अमल में लाई जा सके और सभी पात्र व्यक्ति लाभान्वित हो सकें।
उन्होंने कहा कि अनुसूचित जनजाति श्रेणी के सदस्य या समुदाय जो दिसम्बर, 2005 से पहले प्राथमिक रूप से वन भूमि पर निवास करते हों और अपनी आजीविका की वास्तविक जरूरतों के लिए वन भूमि पर निर्भर हैं इस कानून के तहत लाभ उठा सकेंगे जिसके लिए उन्हें अधिनियम के तहत विभिन्न औपचारिकताओं को पूरा करना होगा।
कार्यशाला में प्रदेश सरकार में संयुक्त सचिव राजस्व सुनिल वर्मा ने इस दौरान वन अधिकार अधिनिमय-2006 के प्रावधानों बारे बारीकी से जानकारी दी। उन्होंने वन अधिकार समिति को सुदृढ़ करने पर बल दिया तथा कहा कि एफ.आर.सी के मामले उपमण्डल स्तर की समिति को पुख्ता सबूतों के साथ भेजने चाहिए ताकि मामले को खारिज करने की कोई भी गुजांईश न बचे। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश में एफ.आर.ए के तहत अभी तक 2726 मामले प्राप्त हुए हैं जिनमें से 164 मामलों को पट्टे प्रदान किए जा चुके हैं जिनमें 129 मामले निजी तथा 35 मामले सामुदायिक है।
इस अवसर पर प्रबंध निदेशक राज्य सहकारी बैंक श्रवण मानटा ने भी वन अधिकार अधिनियम-2006 के बारे में जानकारी दी।
हिप्पा के पाठ्यक्रम निदेशक डाॅ. प्रवेश कुमार ने उपायुक्त व जिला प्रशासन, सभी रिसोर्स पर्सन व कार्यशाला में शामिल सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया तथा विश्वास जताया कि वे दो दिवसीय कार्यशाला से लाभान्वित होंगे।
कार्यशाला में वनमण्डलाधिकारी रजनोल्ड राॅयस्टन, अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी पूह अश्वनी कुमार, उपमण्डलाधिकारी कल्पा स्वाति डोगरा, परियोजना अधिकारी आई.टी.डी.पी बिमला वर्मा व डी.एल.सी के सदस्य, जिला परिषद सदस्य शांता कुमार, अनुराधा, उपमण्डल स्तरीय समिति कल्पा के गैर-सरकारी सदस्य गंगा राम, छैः डोलमा, व अविनाश नेगी, निचार उपमण्डल स्तरीय समिति के गैर-सरकारी सदस्य राजवंती, सुनिल कुमार व विनोद कुमार, पूह उपमण्डल स्तर समिति के गैर सरकारी सदस्य इंदू किरण, दोरजे नेगी व जय लक्षमी तथा राजस्व विभाग के अधिकारी व अन्य उपस्थित थे।