स्पेशल स्टोरी

पांगणा-मझांगण सडक़ पर धूल का गुब्बार, टारिंग करना भूली सरकार

 

  • वर्षों से टारिंग न होने से परेशान जनता की सुध नहीं ले रहा विभाग
  • टारिंग करने में धन की कमी का रोना रो रहा लोक निर्माण विभाग

आपकी खबर, करसोग।

सुकेत रियासत की राजधानी रह चुके उपमंडल करसोग के ऐतिहासिक क्षेत्र पांगणा के लोगों का पांगणा-मझांगण सडक़ ने जीना दूभर कर रखा है। वर्ष 2005 में 22 कि.मी. लंबी सडक़ बनाने का कार्य अभी तक पूरा नहीं हो पाया है। तकरीबन 15 कि.मी. बन चुकी कच्ची सडक़ पर उड़ता धूल का गुब्बार जनता के लिए मुसीबत बना हुआ है।

जनता की सुविधा के लिए इस सडक़ का लोकार्पण तेा कर दिया गया लेकिन सरकार इसकी टारिंग करना शायद भूल गई है। बस योग्य सडक़ लोकार्पित होने के वर्षों बाद भी सडक़ की टारिंग न होने से परेशान जनता की सुध लोक निर्माण विभाग भी नहीं ले रहा है। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों तक बाकायदा सडक़ की टारिंग करने की मांग कई मर्तबा पांगणा के लोग उठा चुके हैं, लेकिन विभागीय अधिकारियों के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है।

लोगों ने कच्ची सडक़ से होने वाली परेशानी की शिकायत सी.एम. हेल्पलाईन पर भी कर रखी है। बावजूद इसके सडक़ की टारिंग करना तो दूर सडक़ की रिपेयर तक लोक निर्माण विभाग नहीं करवा पाया है। पांगणा बस स्टैंड से मझांगण तक बन रही यह सडक़ स्थानीय बाजार सहित सी.एच.सी., स्कूल सहित अन्य छोटे बाजारोंं को आपस में जोड़ती है। इसी सडक़ के किनारे प्राचीन शिव मंदिर तथा लक्ष्मी नारायण मंदिर भी हैं।

सडक़ पर वाहनों के गुजरने से उडऩे वाली घूल से जहां व्यापारी परेशान हैं वहीं मंदिरों में भी रोजाना मिट्टी जमा हो जाती है। बारिश के समय में तो स्थिति और भी खराब हो जाती है। फिसलन भरी कच्ची सडक़ को पैदल पार करना राहगीरों के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। बारिश के दौरान राहगीरों को सडक़ के किनारे बने पत्थर के डंगे पर से होकर गुजरना पड़ता है। इस डंगे को पार करते हुए कई स्कूली छात्र सडक़ से नीचे खड्ड में भी गिरकर चोटिल हो चुके हैं। सडक़ से गुजरने वालों को लगातार नीचे गिरने का डर सताता रहता है। रोजाना सैंकड़ों राहगीर इसी सडक़ का इस्तेमाल करते हैं जिसके चलते उन्हे परेशानियों से जूझना पड़ता है। विभाग द्वारा सडक़ किनारे निकास नालियां तक नहीं बनाई गई हैं। निकास नालियां न होने के चलते कीचड़ से भरी सडक़ पर राहगीरों का चलना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन सा हो जाता है। जनता को इस परेशानी से निजात दिलाने के लिए लोक निर्माण विभाग मूक दर्शक बैठा सब देख रहा है।

विभाग व सरकार के प्रति स्थानीय लोगों में रोष पनपने लगा है। जनता ने सरकार से मांग की है प्राथमिकता के आधार पर बस स्टैंड से देहरी बाजार तक टारिंग की जाए।

  • एक कि.मी. टारिंग का इस्टीमेट बनाया है – अरविंद

मामले को लेकर करसोग लोक निर्माण विभाग के अधिशाषी अभियंता अरविंद भारद्वाज ने बताया कि पांगणा बस स्टैंड से आगे एक कि.मी. तक टारिंग का इस्टीमेट बनाया गया है। फंड की कमी के चलते टारिंग नहीं हो पाई है। इस्टीमेट बनाकर उच्चाधिकारियों को भेजा गया है तथा फंड मिलते ही टारिंग का कार्य शुरू किया जाएगा।

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