ऐतिहासिक बूढ़ी नागिन माता मंदिर की कमेटी ने लगाई रोक
आदेशों की अवहेलना करने वालों के खिलाफ होगी कार्रवाई
आपकी खबर, शिमला।
देश के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में अपनी अलग पहचान कायम करने वाले प्रदेश के जिला कूल्लृ स्थित आनी उपमंडल के तहत आती सरेउलसर झील बर्फबारी के चलते पूरी तरह से जम चुकी है। जम चुकी इस झील पर फोटोशूट करने पर पाबंदी लगा दी गई है। पर्यटकों को झील के बाहर से फोटोशूट करने की आजादी होगी लेकिन झील के भीतर उतरकर फोटोग्राफी न करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। हाल ही में मंदिर कमेटी के संज्ञान में आया कि बर्फ से जमी हुई झील पर कुछ पर्यटक जूतों के साथ उतरकर फोटोशूट करवा रहे हैं। ऐसे में पवित्र सरेउलसर झील की गरिमा को बनाए रखने के लिए ऐतिहासिक बूढ़ी नागिन माता मंदिर की कमेटी ने झील में उतरकर फोटोशूट लगाने पर पाबंदी लगा दी है। इस पाबंदी को तुरंत प्रभाव से लागू करते हुए मंदिर कमेटी ने पर्यटकों के अलावा स्थानीय जनता से भी आग्रह किया है कि दैवीय मर्यादा का सम्मान करते हुए सभी इस आदेश की पालना करें।
बताते चलें कि आनी उपमंडल के जलोड़ी दर्रे के साथ पौराणिक सरेउलसर झील अत्यधिक ढंड के कारण जम चुकी है तथा यह झील देशी व विदेशी पर्यटकों की पहली पसंद बनकर उभरी है। अकसर यहां पर्यटक घूमने आते हैं तथा झील के भीतर उतरकर यहां के प्राकूतिक सौंदर्य को अपने कैमरे में कैद करने के लिए फोटोशूट करते हैं। झील के भीतर जूतों सहित उतरने का मंदिर कमेटी ने पूरजोर विरोध करते हुए झील के भीतर फोटोशूट पर पाबंदी लगा दी है।
सरेउलसर स्थित बूढ़ी नागिन माता मंदिर के कारदार रिंकू सिंह राणा ने जानकारी देते हुए बताया कि जलोड़ी दर्रे,सोझा,घियाघी व सरेउलसर के पैदल रास्तों पर बने होटल, ढ़ाबा व होमस्टे के संचालकों व स्थानीय मार्ग दर्शकों (गाईड) से अपील की है कि जो भी पर्यटक सरेउलसर की तरफ निकलते हैं उन्हे बाकायदा सुझाव देकर बता दें कि झील के भीतर उतरकर फोटोशूट न करें। पर्यटकों से अपील करते हुए उन्होने कहा कि हजारों श्रद्धालुओं की आस्था का प्रतीक ऐतिहासिक बूढ़ी नागिन माता मंदिर के पास प्राकूतिक तौर पर बनी सरेउलसर झील के ऊपर से न गुजरें तथा जूतों के साथ झील के पानी को स्पर्श न करें। उन्होने बताया कि मंदिर कमेटी के आदेशों की अवहेलना करने वालों के खिलाफ मजबूरन कड़ी कार्यवाही की जाएगी।