Sunday, May 19, 2024

6 दशकों से हिमाचल के लोगों की सेवा कर रहा बैंक : शशि बाला

  • किसानों, बागवानों व कामगारों सहित ग्रामीणों को सुविधा देना प्राथमिकता
  • 90 हजार से अधिक सदस्यों की भागीदारी से प्रदेश में चल रही 81 शाखाएं

आपकी खबर, शिमला।

हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक सीमित की चेयरमैन शशि बाला ने बताया कि पिछले 6 दशकों से प्रदेश के लोगों की सेवा कर रहा है। बैंक द्वारा बनाए गए 2022 के वार्षिक कैलेंडर का मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से अनावरण करवाने के बाद उन्होने बैंक की महत्वपूर्ण योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए बताया कि ग्रामीण परिवेश से जुड़े लोगों की आर्थिकी बढ़ाने में बैंक अहम जिम्मेवारी निभा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में अग्रणी बैंक के तौर पर पहचान बना चुके इस बैंक का लक्ष्य किसानों, बागवानों व कामगारों सहित ग्रामीणों को प्राथमिकता के आधार पर सुविधा प्रदान करना है। उन्होने बताया कि पहले यह बैंक सहकारी भूमि बन्धक बैंक के नाम से जाना जाता था जो वर्तमान में हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक सीमित के नाम से पहचान बना चुका है। उन्होने बताया कि वर्तमान सरकार के प्रयासों से बैंक विकास की नई बुलंदियों को छू रहा है। पिछले तकरीबन 6 दशकों से जनता की सेवा में समर्पित बैंक 5 से 15 वर्षों की लंबी अवधि, आसान किश्तों, आसान शर्तों व साधारण ब्याज की दर से कृषि व गैर कृषि कार्यों के लिए प्रदेश के किसानों को ऋण मुहैया करवा रहा है।

बैंक द्वारा चलाई जा रही योजनाओं पर विस्तृत जानकारी देते हुए बैंक के प्रबंध निदेशक विवेक चौहान ने बताया कि बैंक भूमि सुधार योजना, लघु सिंचाई योजना, कृषि विपणन व अधोसंरचना निर्माण, बागवानी से संबधित फल उत्पादन योजना, कृषि यंत्रीकरण योजना, वाहन खरीद योजना, लघु एवं कुटीर उद्योग योजना, होटल व व्यावसायिक परिसर निर्माण सहित ग्रामीण आवास योजनाओं पर ऋण उपलब्ध करवा रहा है।

भूमि सुधार योजना के तहत बंजर भूमि को खेती योग्य बनाना, ऊबड़-खाबड़ भूमि को समतल करना,सीढ़ीनुमा खेतों का निर्माण करना तथा विकसित भसमि की घेराबंदी करना शामिल है। इसके लिए ऋण चुकाने की अवधि 10 वर्षों तक रखी गई है।

लघु सिंचाई योजनाओं के तहत सिंचाई हेतु टैंक का निर्माण करना, कुएं खुदवाना,बोरबेल व टयूबबेल लगाना, कूहलों का निर्माण करना, ड्रिप सिंचाई इकाई लगाना तथा उठाऊ सिंचाई योजना तैयार करने लिए ऋण का प्रावधान किया जाता है तथा इस योजना के तहत भी ऋण चुकाने की अवधि 10 वर्षों तक रखी गई है।

कृषि विपणन व अधोसंरचना निर्माण योजना में अनाज भण्डारण कक्ष, ग्रेडिंग व पैकिंग गोदाम का निर्माण, ग्रेडिंग मशीन तथा कोल्ड स्टोर का निर्माण करना शामिल है। इसमें ऋण चुकाने की अवधि 7 वर्ष रखी गई है।

बागवानी से संबधित फल उत्पादन योजना के अंतर्गत सेब व गुठलीदार फलों के बाग लगाना, नई स्पर प्रजाति के बागीचे लगाना, फूल व खुम्ब उत्पादन, बेमौसमी सब्जियों के उत्पादन के लिए ग्रीन हाऊस का निर्माण तथा रेशम उत्पादन करने के लिए ऋण मुहैया करवाया जाता है जिसे चुकाने की अवधि 10 वर्ष रखी गई है।

कृषि यंत्रीकरण योजना के तहत ट्रैक्टर व ट्राली खरीदना, वीडर सहित थ्रैशर व कटर खरीदना, पावर टिलर व स्पे्रयर खरीदना,घास काटने की मशीन खरीदने के अलावा कृषि यंत्रों में प्रयोग आने वाले डीजल इंजन खरीद पर ऋण उपलब करवाया जाता है जिसे चुकाने की अवधि 9 वर्ष रखी गई है।

वाहन खरीद योजना के तहत ऋण वापसी की समय सीमा 5 वर्ष निर्धारित की गई है जिसमें लघु,भार वाहक के साथ यात्री वाहन खरीदना, जेसीबी खरीदना तथा स्टोन क्रशर लगाना शामिल किए गए हैं।

लघु एवं कुटीर उद्योग योजनाओं के तहत उपकरणों की मुरम्मत हेतू इकाई लगाने, रोप वे लगाने, ढ़ाबा खोलने, ऑफसेट प्रिंटिंग प्रेस लगाने, कंप्यूटर सेंटर खोलने, रेडीमेड गारमेंट की दुकान खोलने, ग्रील मैन्युफेक्चरिंग की इकाई लगाने, बेकरी यूनिट लगाने, फर्नीचर की दुकान खोलने, टायर रिट्रेडिंग की इकाई लगाने तथा हैण्डलूम हैण्डीक्राफट इकाई लगाने के लिए बैंक ऋण उपलब्ध करवा रहा है। इस योजना के तहत ऋण चुकाने की अवधि 10 वर्ष रखी गई है।

होटल व व्यवसायिक परिसर निर्माण योजना के तहत होटल निर्माण, गेस्ट हाऊस व होम स्टे निर्माण तथा दुकानें व व्यवसायिक परिसर बनाना शामिल हैं जिनके लिए ऋण चुकाने की अवधि भी 10 वर्ष ही रखी गई है। इसके अलावा ग्रामीण आवास योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में नए भवन बनाने व पुराने भवनों की मुरम्मत करने के लिए भी ऋण उपलब्ध करवाया जा रहा है जिसे लौटाने की अवधि क्रमश: 10 व 5 वर्ष निर्धारित की गई है।

 

बैंक के प्रबंध निदेशक विवेक चौहान ने बताया कि 90 हजार से अधिक सदस्यों की भागीदारी से प्रदेश में इस वक्त 51 शाखाएं चल रही हैं। प्रदेश के 9 जिलों में जहां 51 शाखाओं के माध्यम से लोगों को घर द्वार पर बैंकिंग सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं वहीं 3 जिलों कांगडा, ऊना व हमीरपुर में प्राथमिक बैंक की 30 शाखाएं कार्य कर रही हैं। कुल मिलाकर 81 शाखाएं ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में विकास के नए आयाम स्थापित करने में अपनी भूमिका सुनिश्चित कर रही हैं।

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