- सोटो की ओर से रिज पर आयोजित किया गया जागरूकता शिविर
आपकी खबर, शिमला।
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शिमला के रिज मैदान पर अंतर राष्ट्रीय समर फेस्टिवल के चलते रविवार को स्टेट ऑर्गेनाइज ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन (सोटो) की ओर से अंगदान के विषय पर दो शिविर आयोजित किये गए। एक स्टाल धर्माथन संस्था के रक्त दान
शिविर में लगाया गया, वहीं दूसरा शिविर गेयटी थीयेटर के समीप लगाया गया धर्मार्थन संस्था के सदस्यों सहित 21 लोगों ने शपथ पत्र भरकर अंगदान करने का प्रण लिया।
सोटो की टीम ने लोगों को जागरूक करते हुए कहा कि जीते जी व्यक्ति रक्तदान और मरने के बाद अंग दान कर सकता है। अंगदान के लिए शपथ लेने की प्रक्रिया पूरी तरह निशुल्क है। मरने के बाद एक व्यक्ति आठ लोगों का जीवन बचा सकता है। देश में हर साल 5 लाख से अधिक लोग ऑर्गन फैलियर के कारण दम तोड़ देते हैं, ऐसे में अंगदाता इन मरीजों के लिए वरदान साबित हो सकते हैं।
व्यक्ति की मृत्यु दो तरह से होती है। एक ब्रेन डेथ तो दूसरी कार्डियक डेथ। ब्रेन डेथ के तहत मरीज के दिमाग के सभी फंक्शन काम करना बंद कर देते हैं। यह मरीज पूरी तरह वेंटिलेटर पर निर्भर रहता है जहां उसे आर्टिफिशियल तरीके से ऑक्सीजन उपलब्ध कराई जाती है और उसके शरीर के बाकी ऑर्गन काम कर रहे होते हैं।
अधिकतर हेड इंजरी और ब्रेन ट्यूमर के मरीजों के साथ यह स्थिति बनती है। इस स्थिति में मरीज के सभी ऑर्गन दान किए जा सकते हैं। वहीं दूसरी तरफ कार्डियक डेट में हॉट पंप करना बंद कर देता है। शरीर में रक्त संचार होना बंद हो जाता है और शरीर के ऑर्गन भी करना बंद कर देते हैं। इस स्थिति में अंगदान संभव नहीं हो पाता।