- हिमाचल में तबाही का मंजर, ब्यास में मिले 13 शव, हजारों पर्यटक फंसे, 1320 सड़कें अभी भी बंद
आपकी खबर नेटवर्क।
प्रकृति से खिलवाड़ करने का खामियाजा आज हिमाचल प्रदेश में देखने को मिला है। कहीं पर नदियों से रेत निकाला जा रहा है तो कहीं पर अंधाधुंध पेड़ों का कटान किया जा रहा है। प्रदेश में जो तबाही का मंजर आज सभी के सामने हैं तो उसके दोषी भी हम सब हैं।
अभी भी समूचे राज्य में रुक रुक कर बारिश का सिलसिला जारी है। कुल्लू जिला में बाढ़ ने सब कुछ तहस नहस कर दिया है। उधर जलस्तर कम होने से ब्यास में 13 शव मिले हैं। ये किसके हैं, इनकी शिनाख्त की जा रही है। मनाली, मणिकर्ण और बंजार घाटी में 17000 पर्यटक अभी भी फंसे हुए हैं।
सिरमौर के उपमंडल संगड़ाह के डूंगी गांव में निर्मला देवी उर्फ गुड्डी घर के समीप बने शौचालय के बाहर नल से हाथ धो रही थी कि पहाड़ी से गिरे मलबे की चपेट में आ गई, जिससे उसकी मौत हो गई।
शिमला के रोहड़ू में ढहे घर के मलबे में दबने से भी एक महिला की मौत हो गई है। मंगलवार को प्रदेश में नौ मकान ढह गए और 164 मकान व 105 गोशालाएं क्षतिग्रस्त हो गईं।
प्रदेश में चार नेशनल हाईवे मनाली-लेह, मनाली-चंडीगढ़, आनी-कुल्लू, चंबा-भरमौर और 1320 के करीब सड़कें अभी भी बंद है। पेयजल की 4000 योजनाएं भी बंद पड़ी हैं। हिमाचल परिवहन निगम के 1284 बस रूट ठप हैं।
396 से ज्यादा बसें फंसी हुई हैं। चंबा के भरमौर में धनछौ के पास पुलिया पार करते हुए अनियंत्रित होकर नाले में एक व्यक्ति हरबंस सिंह गांव सुप्पा ग्राम पंचायत पूलन गिर गया जिसका कोई सुराग नहीं लग पाया है।
हिमाचल स्कूल शिक्षा बोर्ड से संबद्ध सरकारी, निजी स्कूलों में मानसून अवकाश को पुनर्निर्धारित और समय से पहले समायोजित करने का निर्णय लिया है। छुट्टियों के दिनों की कुल संख्या समान रखने के लिए हरसंभव सावधानी बरती गई है , ताकि शिक्षण दिवस यथावत रहे।
सरकार के आदेशों के अनुसार स्कूलों में मानसून ब्रेक 10 जुलाई से शुरू हो गया है। सोलन के शामती में भारी पैमाने पर भूस्खलन होने से तबाही हुई है। प्रदेश में कई उद्योग बंद हो गए है। शिमला समेत प्रदेश में रेलवे सेवाएं भी ठप हो गई है। लोक निर्माण विभाग में सभी कर्मियों की छुट्टियों को रद्द किया गया है। यह इसलिए किया गया है ताकि इस विपत्ति की घड़ी में किसी को कोई परेशानी ना आए।