- शिमला के बेम्लोई में रक्तदान व अंगदान शिविर आयोजित
- 20 लोगों ने भरे अंगदान के लिए शपथ पत्र
आपकी खबर, शिमला। 24 अप्रैल
शिमला के बेम्लोइ में संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन की ओर से रक्तदान व अंगदान शिविर आयोजित किया गया। इसमें स्टेट ऑर्गन एंड टिशु ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन (सोटो) हिमाचल प्रदेश की ओर से संस्था के लोगों को अंगदान के बारे में जानकारी दी गई। इसमे 20 लोगों ने अंगदान के लिए शपथ पत्र भी भरे। सोटो के ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर नरेश कुमार ने बताया कि सोटो समाज में अंगदान के प्रति लोगों को जागरुक करने का काम कर रही है, अंगदान जरूरत मंद के लिए वरदान साबित हो सकता है । उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति का जीवन बचाने के लिए डॉक्टर होना ही जरूरी नहीं है बल्कि लोग मृत्यु के बाद भी अपने अंगदान करके जरूरतमंद का जीवन बचा सकते हैं। अंगदान करने वाला व्यक्ति ऑर्गन के जरिए 8 लोगों का जीवन बचा सकत सकता हैं। उन्होंने बताया कि गंभीर बीमारी से जूझ रहे मरीजों और दुर्घटनाग्रस्त मरीजों के ब्रेन डेड होने के बाद यह प्रक्रिया अपनाई जा सकती है। अस्पताल में मरीज को निगरानी में रखा जाता है और विशेष कमेटी मरीज को ब्रेन डेड घोषित करती है। मृतक के अंग लेने के लिए पारिवारिक जनों की सहमति बेहद जरूरी रहती है।
उन्होंने बताया कि देश भर में प्रतिदिन 6000 मरीज समय पर ऑर्गन ना मिलने के कारण मरते हैं जोकि बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। लोगों में भ्रांति रहती है कि अंगदान करने के बाद अंगों को बेच दिया जाता है या फिर तस्करी की जाती है। ट्रांसप्लांट ऑफ ह्यूमन एक्ट 1994 जीवित दाता एवं ब्रेन डेड डोनर को अंगदान करने की स्वीकृति प्रदान करता है। यह अधिनियम चिकित्सीय प्रयोजनों के लिए अंगों को निकालने , भंडारण करने और प्रत्यारोपण को नियंत्रित कर मानव अंगों को तस्करी से बचाता है। कोई भी व्यक्ति अंग को खरीद या बेच नहीं सकते हैं। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि सोटो हिमाचल की इस मुहिम को आगे बढ़ाने में सहयोग करें ताकि जरूरतमंद मरीजों का जीवन समय रहते बचाया जा सके। अंगदान करने के लिए लोग अपनी इच्छा जाहिर करें और अपने रिश्तेदारों को भी इस पुनीत कार्य में जोड़ें। उन्होंने बताया कि अंगदान के लिए शपथ पत्र भरना अब और भी आसान हो गया है। सोटो की ऑफिशल वेबसाइट www.sottohimachal.in पर जाकर कोई भी व्यक्ति क्यू आर कोड स्कैन करके या बी एन ऑर्गन डोनर के विकल्प पर जाकर अपने आधार कार्ड नंबर के जरिए अंगदान का शपथ पत्र भर सकता है। शपथ पत्र भरने के बाद सरकार की ओर से अधिकृत प्लेज सर्टिफिकेट भी डाउनलोड किया जा सकता है।