कृषि-बागवानी

खुशखबरी : जाइका करेगा स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों की ब्रांडिंग, विभागीय बैठक में मिली मंजूरी

  • खुशखबरी : जाइका करेगा स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों की ब्रांडिंग, विभागीय बैठक में मिली मंजूरी
  • प्रधान सचिव वन एवं चेयरमैन डा. अमनदीप गर्ग ने की परियोजना कार्यों की सराहना
  • मुख्य परियोजना निदेशक नागेश कुमार गुलेरिया ने पेश की विस्तृत रिपोर्ट
  • 20 एजेंडे पर हुई चर्चा, पिछले 6 माह की रिपोर्ट पर भी हुआ मंथन

आपकी खबर, शिमला। 26 नवंबर

जाइका वानिकी परियोजना अब स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार उत्पादों की ब्रांडिंग करेगा। गत शनिवार को 10वीं गवर्निंग बॉडी की मीटिंग में यह निर्णय लिया। प्रधान सचिव वन एवं गवर्निंग बॉडी के चेयरमैन डा. अमनदीप गर्ग की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए। इस महत्वपूर्ण बैठक में पिछले छह महीने के विकास कार्यों पर मंथन किया गया और 20 के करीब नए एजेंडे पर चर्चा की गई।

बैठक को संबोधित करते हुए सचिव वन डा. अमनदीप गर्ग ने कहा कि जाइका वानिकी परियोजना के तहत हो रहे विकासात्मक कार्यों में और तेजी लाने की आवश्यकता है। उन्होंने अब तक हुए कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि मुख्य परियोजना निदेशक नागेश कुमार गुलेरिया के नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश वन पारिस्थितिकी तंत्र प्रबंधन एवं आजीविका सुधार परियोजना क्षेत्र में बेहतर कार्य हो रहे हैं।

इस अवसर पर अतिरिक्त प्रधान मुख्य अरण्यपाल एवं मुख्य परियोजना निदेशक नागेश कुमार गुलेरिया ने कहा कि गवर्निंग बॉडी की मीटिंग हर छह माह के भीतर आयोजित की जाती है। इस बार की बैठक में कई महत्वपूर्ण एजेंडे पर चर्चा हुई।

उन्होंने कहा कि कुल्लू में जाइका परियोजना के तहत 106 स्वयं सहायता समूह हैं, जो हैंडलूम प्रोडक्ट्स तैयार कर रहे हैं। आने वाले दिनों में इन उत्पादों की ब्रांडिंग जाइका खुद करेगा। इसके अलावा हिमाचल में विलुप्त हो रहे उतक संवर्धन यानी टिशू कल्चर प्रजातियों के पौधे जाइका की नर्सरियों में तैयार किए जाएंगे।

बुरांश और भोजपत्र जैसे पौधे तैयार करने के लिए कार्य शुरू करेंगे। उन्होंने कहा कि पिछले साल तक प्रदेश में 46 हजार हेक्टेयर भूमी पर पौधरोपण किया गया। इस साल 2 हजार हेक्टेयर भूमी पर पौधे रोपने का लक्ष्य था जो रिकार्ड 23 सौ हेक्टेयर भूमि पर किया गया। नागेश कुमार गुलेरिया ने कहा कि जाइका वानिकी परियोजना के तहत सेवाएं दे रहे कर्मचारियों की रिइम्बर्समेंट सौ प्रतिशत हो चुका है। उन्होंने कहा कि गवर्निंग बॉडी की मीटिंग में जिन-जिन एजेंडे पर चर्चा की गई जिसमें से अधिकांश को मंजूरी भी दी गई।

  • मुख्यमंत्री वन विस्तार योजना पर काम

पीसीसीएफ एवं वन विभाग के मुखिया राजीव कुमार ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा चलाई गई मुख्यमंत्री वन विस्तार योजना पर आर अधिक कार्य कने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में जब से जाइका परियोजना ने कार्य करना शुरू किया, तब से लेकर अब तक कई उल्लेखनीय कार्य हुए हैं। पर्यावरण संरक्षण, पौधरोपण, मधुमक्खी पालन, पत्तल व्यवसाय, मशरूम की खेती, हथकरघा एवं बुनकर समेत कई क्षेत्रों में स्वयं सहायता समूहों को आजीविका कमाने के बेहतर अवसर मिल रहे हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button