Search
Close this search box.

नहीं रहे हिमाचल के ‘बिस्मिल्लाह खां’ सूरजमणि

👇समाचार सुनने के लिए यहां क्लिक करें

[responsivevoice_button voice="Hindi Female"]

नहीं रहे हिमाचल के ‘बिस्मिल्लाह खां’ सूरजमणि

– एम्स बिलासपुर में ली अंतिम सांस

आपकी खबर, शिमला। 11 अक्तूबर

हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध शहनाई वादक सूरजमणि, जिन्हें बिस्मिल्लाह खां भी कहा जाता था, वो अब इस दुनिया में नहीं रहे। उन्होंने देर रात बिलासपुर स्थित एम्स में अंतिम सांस ली। 63 वर्षीय सूरजमणी क्रॉनिक पैनक्रियाटिटिस बीमारी से पीड़ित थे। सूरजमणी मंडी जिले के नाचन क्षेत्र की चच्योट पंचायत के चच्योट गांव से संबंध रखते थे।

जानकारी के अनुसार सूरजमणि चंडीगढ़ किसी रिकॉर्डिंग के लिए गए थे, वहां से लौटने के बाद उन्हें इस बीमारी का अटैक पड़ा और उन्हें मंडी के एक अस्पताल में भर्ती किया गया था। जहां से उन्हें एम्स बिलासपुर रेफर किया गया था। देर रात उनकी मौत हो गई। शुक्रवार को उनका अंतिम संस्कार चच्योट के श्मशान घाट में किया जाएगा।

सूरजमणि के देहांत की खबर से हिमाचल के लोक संगीत जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। सूरजमणी को शहनाई वादन में हिमाचल के बिस्मिल्लाह खां के नाम से जाना जाता था। उनकी शहनाई की मंगल ध्वनि से हिमाचल के जिला, प्रदेश और अंतरराष्ट्रीय मेलों का आगाज होता था। उन्होंने अमेरिका तक अपने कार्यक्रम दिए। हिमाचल की लोक संस्कृति को संजोने में उनका बहुत बड़ा योगदान रहा।

प्रदेश की ऐसी कोई नाटी नहीं होगी जिसमें सूरजमणि की शहनाई की गूंज सुनाई नहीं देती होगी। सूरजमणि ने प्रदेश, देश और विदेशों में अपनी शहनाई की छाप छोड़ी। वे अपने पीछे पत्नी और दो बेटे छोड़ गए हैं। हिमाचल के सैकड़ों कलाकारों, संगीतकारों और कला संगीत से जुड़े लोगों ने सूरजमणि के निधन पर गहरा दुख जताया है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, नाचन के विधायक विनोद कुमार समेत प्रदेश के राजनेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों सहित उनके चाहने वालों ने उनके निधन पर शोक जताया है।

Leave a Comment

और पढ़ें