सुख की सरकार…करसोग में एसडीएम बदले जा रहे बार बार
जनता पूछ रही सवाल, कैसे होगा समस्याओं का हल
आपकी खबर, करसोग। 12 नवंबर
सुख की सरकार का जिला मंडी के उपमंडल करसोग में एसडीएम को बार बार बदलने का रवैया जनता को नागवार गुजर रहा है। बार बार होने वाले इन तबादलों के पीछे की वजह चाहे जो भी हो लेकिन स्थानीय जनता सरकार से खुश नहीं है। करसोग के विधायक भी इस मुद्दे को विधानसभा में उठा चुके हैं। लेकिन प्रदेश सरकार करसोग में एस.डी.एम. की नियुक्ति नहीं कर पा रही है।
पिछले तकरीबन डेढ़ माह से करसोग में एस.डी.एम. का पद रिक्त पड़ा हुआ है। दुर्गम क्षेत्रों में शुमार करसोग उपमंडल में एस.डी.एम. का न होना साफ बयां करता है कि सरकार करसोग के प्रति कितनी संवेदनशील है। हालांकि करसोग में एस.डी.एम. का अतिरिक्त कार्यभार तहसीलदार ने संभाल रखा है। जिसके चलते न केवल तहसील में होने वाले कार्यों पर विपरीत असर पड़ रहा है। बल्कि एस. डी. एम. कार्यालय में भी अधिकतर कार्य प्रभावित हो रहे हैं। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद 23 माह के भीतर ही करसोग में 10 एस.डी.एम. कार्यभार संभाल चुके हैं।
इतने कम समय की अवधि में बार बार एस.डी.एम. का तबादला होना जनता की समझ से परे है। जनता अपनी समस्या लेकर जब कार्यालय पहुंचती है तो मालूम होता है कि साहब का तबादला हो चुका है। अगले एस.डी.एम. के आने पर ही समस्या को सुनवाई हो पाएगी। एस.डी.एम. के रिक्त पद के चलते सरकार डेपुटेशन के जुगाड से उपमंडल का काम काज चला रही है। कांग्रेस सरकार में करसोग को स्थाई एस.डी.एम. न मिल पाने के चलते कांग्रेस के स्थानीय नेताओं की भी खूब किरकिरी हो रही है।
जनता कांग्रेस के नेताओं से पूछ रही है कि आखिरकार करसोग को एस.डी.एम. कब मिलेगा। 62 पंचायतों का प्रनिधित्व करने वाले उपमंडल करसोग में एस.डी.एम. का रिक्त पद जनता की परेशानी का सबब बना हुआ है। सरकार की कार्यप्रणाली पर जनता से सवालिया निशान उठाने शुरू कर दिए हैं। समस्याओं से जूझ रहे लोगों का कहना है कि सरकार करसोग के प्रति गंभीर नहीं है।
- व्यवस्था परिवर्तन का खामियाजा भुगत रहा करसोग-दीपराज
करसोग के विधायक दीपराज कपूर का कहना है व्यवस्था परिवर्तन का खामियाजा करसोग भुगत रहा है। व्यवस्था परिवर्तन का दम भरने वाली सुक्खू सरकार करसोग के लिए स्थाई एस.डी.एम. तक नहीं ढूंढ पा रही है। असुविधाओं से जूझ रही जनता की सुध लेने में सरकार लगातार हर मोर्चे पर विफल हो रही है।