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नराकास के वार्षिक पुरस्‍कार वितरण समारोह में बोले एसजेवीएन निदेशक कार्मिक अजय शर्मा

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कार्यालयों में हो अधिक से अधिक हिंदी का प्रयोग

आपकी खबर, शिमला। 13 दिसंबर

एसजेवीएन के निदेशक कार्मिक अजय कुमार शर्मा ने कहा है कि हमें प्रयास करना चाहिए की भारत सरकार के सभी कार्यालयों में उच्चतम स्तर पर अधिक से अधिक हिन्दी का प्रयोग हो। उन्होंने कहा कि एसजेवीएन विद्युत उत्पादन के साथ-साथ राजभाषा हिन्दी के अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार के लिए कृतसंकल्प है और नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (कार्यालय-2), शिमला द्वारा गठन के बाद से अभी तक 18 बैठकों का आयोजन किया जा चुका है।

साथ ही गृह पत्रिका हिम संवाद का निरंतर प्रकाशन किया जा रहा है और नराकास राजभाषा शील्ड के रूप में भारत सरकार के सभी कार्यालयों को हिन्दी में अधिक से अधिक कार्य के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है । उन्होंने यह भी बताया कि एसजेवीएन में वर्ष 2024 के दौरान हिन्दी पखवाड़े के उपलक्ष्य में आयोजित प्रतियोगिताओं में 300 से अधिक कर्मचारियों ने भाग लिया है। यह बात उन्होंने आज नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति शिमला (कार्यालय-2) के वार्षिक राजभाषा पुरस्कार वितरण समारोह तथा छमाही बैठक के मुख्य अतिथि के रूप में कही।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि अजय कुमार शर्मा ने बेहतरीन राजभाषा कार्य निष्पादन के लिए नराकास राजभाषा शील्ड भी तीन विभिन्न श्रेणियों में सदस्य कार्यालयों को प्रदान की । इसमें सार्वजनिक उपक्रम श्रेणी में प्रथम शील्ड एसजेवीएन लिमिटेड, वित्तीय संस्थानों की श्रेणी में भारतीय जीवन बीमा निगम और बैंकों की श्रेणी में यूको बैंक को दी गई।

इसी प्रकार द्वितीय शील्ड भारतीय खाद्य निगम, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन और पंजाब नेशनल बैंक को प्रदान की गई। तृतीय शील्ड में भारतीय संचार निगम लिमिटेड, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया को दी गई । इसके अलावा प्रोत्साहन पुरस्कार भी दिये गए।

कार्यक्रम के दौरान अजय कुमार शर्मा, निदेशक (कार्मिक), एसजेवीएन द्वारा राजभाषा गृहपत्र‍िका ‘’हिमसंवाद’’ के तृतीय अंक का विमोचन भी किया गया। पत्रिका के प्रकाशन का उद्देश्य सदस्‍य कार्यालयों की सृजनात्‍मकता तथा रचनात्‍मक अभिरुचि को बढ़ावा देने के साथ-साथ राजभाषा हिंदी का प्रचार-प्रसार करना है ।

इस पत्र‍िका के प्रकाशन का समस्‍त दायित्‍व एसजेवीएन लिमिटेड द्वारा निभाया गया। कार्यक्रम में कुमार पाल शर्मा,उप निदेशक(कार्यान्‍वयन) राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय, भारत सरकार, एसजेवीएन और केंद्र सरकार के कार्यालयों, उपक्रमों, बैंकों और वित्तीय संस्थानों के अधिकारी भी उपस्थित रहे। इससे पूर्व ‘सुर साधना संगीत कला केंद्र’ के बाल कलाकारों ने सरस्वती वंदना कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

उलेखनीय है कि नराकास (कार्यालय-2), शिमला का गठन वर्ष 2014 में एसजेवीएन लिमिटेड की अध्यक्षता में किया गया था और वर्तमान में इसके सदस्य कार्यलयों की संख्या 46 है इसकी प्रतिवर्ष दो बैठकें आयोजित की जाती है और यह 19वीं बैठक थी। यह समिति सदस्य संस्थानों में भारत सरकार के गृह मंत्रालय की राजभाषा नीति के निष्पादन को सुनिश्चित करती है।

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