- सौ फीसदी आउटसोर्स कर्मचारियों के कंधों पर नगर पंचायत का जिम्मा
- नियमित अधिकारी व कर्मचारी न होने से विकास कार्य हो रहे प्रभावित
आपकी खबर, शिमला।
हिमाचल प्रदेश के शहरी विकास विभाग ने विकासात्मक कार्यों के क्रियान्वन के लिए नियमित कर्मचारियों से किनारा करते हुए आउटसोर्स कर्मचारियों का सहारा लेना ही मुनासिब समझा है। इसकी पुष्टि जिला मंडी स्थित उपमंडल करसोग स्थित नगर पंचायत का कार्यालय कर रहा है। नगर पंचायत कार्यालय में नियमित अधिकारी व कर्मचारी हैं ही नहीं। वर्ष 2012 में करसोग के बाशिदों की सुविधा के लिए ग्राम पंचायत अपर करसोग व इसके आस पास के कुछ इलाकों को मिलाकर नगर पंचायत करसोग को अस्तित्व में लाया गया। नगर पंचायत करसोग के अस्तित्व में आने के बाद शहरी विकास विभाग का ध्यान इस ओर शायद गया ही नहीं कि इस नगर पंचायत में विकास कार्यों को अम्लीजामा पहनाने के लिए अधिकारियों व कर्मचारियों की आवश्कता भी होगी। नगर पंचायत में नियमित अधिकारी व कर्मचारियों की नियुक्तियां करने की जगह शहरी विकास विभाग ने आउटसोर्स कर्मियों के दम पर ही नगर पंचायत कार्यालय को चलाना मुनासिब समझा। नतीजतन मौजूदा समय में नगर पंचायत करसोग नियमित अधिकारी व कर्मचारियों के इंतजार में विकास कार्यों को अपनी मंजिल तक पहुंचाने के लिए कड़ी मशक्कत कर रही है। शहरी विकास विभाग व सरकार की अनदेखी के चलते नगर पंचायत का जिम्मा सौ फीसदी आउटसोर्स कर्मचारियों के कंधों पर ही है। नगर पंचायत करसोग में विकास की ईबारत लिखने में आउटसोर्स कर्मचारियों ने जहां अपनी पूरी ताकत झोंक दी है वहीं पर तकनीकी समस्याओं का सामना करना कर्मचारियों के बूते से बाहर हो रहा है। विभागीय निर्देशों के अनुरूप विकास कार्यों की रूपरेखा तैयार करना व उन्हे मूर्त रूप देना नगर पंचायत करसोग में तैनात आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। मौजूदा समय में कुल मिलाकर मात्र 4 आउटसोर्स कर्मचारियों पर नगर पंचायत करसोग के 7 वार्डो के विकास की जिम्मेवारी है। नगर पंचायत करसोग कार्यालय में आउटसोर्स कर्मचारियों में सामुदायिक समन्वयक, कम्पयूटर ऑपरेटर, सैनिटरी सुपरवाईजर व कनिष्ठ अभियंता शामिल हैं। जबकि नगर पंचायत के सबसे महत्वपूर्ण माने जाने वाले सचिव का पद रिक्त चल रहा है। नगर पंचायत के सचिव की जिम्मेवारी तहसीलदार करसोग को सौंपी गई है। ऐसे में तहसीलदार करसोग के पास तहसीलदार के अलावा नगर पंचायत सचिव का अतिरिक्त कार्यभार भी है। जानकारी के अनुसार करसोग नगर पंचायत कार्यालय में 6 पद स्वीकृत हैं जिनमें सचिव, कनिष्ठ अभियंता, सैनिटरी सुपरवाईजर, चपड़ासी व दो लिपिकों के पद शामिल हैं। इन पदों को सरकार व शहरी विकास विभाग नहीं भर पाया है ऐसे में नियमित अधिकारी व कर्मचारी न होने से विकास के कार्य प्रभावित हो रहे हैं। नगर पंचायत करसोग की जनता ने सरकार व महकमें से मांग की है कि प्राथमिकता के आधार पर नगर पंचायत करसोग में नियमित अधिकारी व कर्मचारियों के पदों को भरा जाए ताकि नगर पंचायत करसोग में विकास कार्य रफ्तार पकड़ सकें।

नगर पंचायत के पास तकरीबन ₹4 करोड़ की अनुदान राशि
नगर पंचायत करसोग के पास मौजूदा समय में तकरीबन 4 करोड़ रूपए की अनुदान राशि उपलब्ध है। विभिन्न विकासात्मक कार्यो पर खर्च किए जाने वाली इस धनराशि को नगर पंचायत के सदन की संस्त़ति के बाद ही खर्च किया जा सकता है। 14वें व 15वें केंद्रीय वित्त आयोग सहित 5वें राज्य वित्त आयोग की यह धनराशि समय रहते खर्च नहीं हो पा रही है। नगर पंचायत करसोग के पार्षद सदन की कार्यवाही के दौरान विकास कार्यों की रूपरेखा तो फाईलों में दर्ज करते हैं लेकिन इन कार्यो को मूर्त रूप देने के लिए काफी लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।

एक वर्ष में महज एक बायो टॉयलेट व 35 सोलर लाईटें ही लगा पाई नगर पंचायत
नगर पंचायत करसोग के नए सदन में तकरीबन एक वर्ष का कार्यकाल पूरा कर लिया है। इस कार्यकाल के दौरान नगर पंचायत करसोग की जनता की सुविधा के लिए महज एक बायो टॉयलेट बस स्टैंड में स्थापित किया गया है। इसके अलावा 35 सोलर लाईटें सभी 7 वार्डों में स्थापित की गई हैं। बायो टॉयलेट पर तकरीबन 5 लाख रूपए तथा सोलर लाईटों पर भी 5 लाख रूपए की धराशि खर्च की गई है। इसके अलावा एक वर्ष के कार्यकाल में अभी तक दूसरे विकास के कार्य फाईलों में ही घूम रहे हैं। कुल मिलाकर नया सदन 10 लाख रूपए ही सामूहिक विकास कार्यो पर खर्च कर पाया है।
6 माह के भीतर ही बदल दिया नगर पंचायत सचिव
नगर पंचायत करसोग को काफी लंबे अरसे के बाद विभागीय सचिव नसीब तो हुआ लेकिन 6 माह के भीतर ही महकमें ने उसका तबादला कर दिया। इसी वर्ष 27 मार्च को सचिव ने करसोग नगर पंचायत में कार्यभार संभाला तथा करसोग नगर पंचायत में विकास कार्यो की रूपरेखा तैयार कर पार्षदों की संस्त़ति पर विकास कार्यों को गति देने का कार्य शुरू किया गया। इससे पहले कि विकास कार्य परवान चढ़ते सितंबर माह में सचिव का तबादला कर दिया गया। सचिव का पद रिक्त होने के चलते विकास कार्यो की बनाई गई रूपरेखा धरी की धरी ही रह गई।

नियमित स्टाफ न होने का खामियाजा भुगत रही जनता-उपाध्यक्ष
नगर पंचायत करसोग के उपाध्यक्ष बंसी लाल कौंडल ने बताया कि वह दूसरी मर्तबा नगर पंचायत में बतौर पार्षद चुनकर आए हैं। नगर पंचायत में नियमित अधिकारी व कर्मचारियों की गैर मौजूदगी करसोग के विकास कार्यो पर भारी पड़ रही है। नगर पंचायत करसोग में आउटसोर्स कर्मचारियों के दम पर ही विकास कार्यो को पूरा करने की कोशिश की जा रही है। लेकिन इन कर्मचारियों की कोशिश भी तकनीकी खामियों के चलते परवान नहीं चढ़ पा रही हैं। सरकार व शहरी विकास विभाग को चाहिए कि जनता की सहूलियत के लिए करसोग नगर पंचायत में रेगुलर स्टाफ भेजा जाए। नियमित स्टाफ न होने का खामियाजा करसोग क्षेत्र की जनता को भुगतना पड़ रहा है।