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धन्यवाद सरकार! घर पर ही उपलब्ध करवा दिया रोजगार

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  • मुख्यमंत्री शहरी आजीविका गांरटी योजना बनी गरीबों का सहारा
  • चुवाड़ी में योजना से विकास कार्यो को पूरा करने की कवायद तेज
आपकी खबर, शिमला।
हिमाचल प्रदेश में आर्थिक तौर पर कमजोर श्रमिकों के लिए चलाई गई मुख्यमंत्री शहरी आजीविका गारंटी योजना की जहां जमकर तारीफ हो रही है वहीं लार्भाथियों ने घर द्वार पर रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए प्रदेश सरकार का धन्यवाद किया है। घर द्वार पर ही रोजगार मिलने के चलते श्रमिकों को रोजगार के लिए इधर उधर भटकना नहीं पड़ रहा है। इससे न के केवल श्रमिकों की आय में वूद्धि हो रही है बल्कि उन्हे उनकी मजदूरी भी समय रहते उनके खातों में पहुंच रही है। मुख्यमंत्री शहरी आजीविका गांरटी योजना गरीबों के लिए सहारा बनकर उभरी है।
शहरी निकाय क्षेत्रों में रहने वालों के लिए यह योजना लाभकारी साबित हो रही है। प्रदेश के चंबा जिला में चुवाड़ी नगर पंचायत के विकास कार्यों को अमलीजामा पहनाने व वक्त रहते विकास कार्यों को पूरा करने की कवायद को तेज करते हुए इस योजना में शामिल श्रमिकों का सहारा लिया जा रहा है। नगर पंचायत के सभी वार्डों में विकासात्मक कार्यों को पटरी पर लाने के लिए नगर पंचायत से ही ताल्लुक रखने वाले श्रमिक कार्य में जुटे हुए हैं।
वार्डों की साफ-सफाई हो या फिर पक्के रास्तों का निर्माण मुख्यमंत्री शहरी आजीविका गांरटी योजना के पात्र श्रमिक इन कार्यों को पूरा करने में जहां अपनी रूचि दिखाते हुए कड़ी मेहनत कर रहे हैं वहीं उनके रोजगार की तलाश भी घर से चंद कदमों की दूरी पर ही सिमट गई है। रोजाना फील्ड में पसीना बहाने के बाद श्रमिक जहां अपने परिजनों को समय दे पा रहे हैं वहीं सामाजिक कार्यों में भी अपनी भूमिका सुनिश्चित कर पाने का मौका उन्हे मिल रहा है।
मुख्यमंत्री शहरी आजीविका गांरटी योजना पर जानकारी देते हुए नगर पंचायत चुवाड़ी के सचिव गणेश शर्मा ने बताया कि मौजूदा समय में शहरी निकाय क्षेत्र चुवाड़ी के 91 श्रमिकों को रोजगार दिया जा रहा है। इस योजना के जरिए विकास कार्यों को जहां गति मिल रही है वहीं रोजगार के लिए दूसरे क्षेत्रों में जाने की परेशानी से भी श्रमिकों को राहत मिली है। उन्होने बताया कि चुवाड़ी नगर पंचायत के 7 वार्डों में इस योजना के तहत जहां नालियों व रास्तों की सफाई की जा रही है वहीं झाडिय़ों को काटकर ठिकाने लगाया जा रहा है। इसके अलावा रास्तों के निर्माण व प्राकृतिक जल स्त्रोतों की साफ सफाई के अलावा उनके संरक्षण में भी योजना से जुड़े लाभार्थी श्रमिकों की सहायता ली जा रही है। उन्होने बताया कि मनरेगा की तर्ज पर शहरी निकाय क्षेत्रों में इस योजना को सरकार के दिशा निर्देशों से क्रियान्वित किया जा रहा है तथा शहरी निकाय क्षेत्रों में रह रहे श्रमिकों को रोजगार की गारंटी दी जा रही है।

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