सड़क पर उतरे सफाई कर्मचारियों ने बुलंद की आवाज
कोविड काल के दौरान मिले सम्मान पत्र प्रशासन को लौटाए
आपकी खबर, शिमला।
नौकरी वापिस दो या फिर जहर दो। डंके की चोट पर भरे बाजार इस बात पर मुहर लगाने का दम उन सफाई कर्मचारियों ने दिखाया है जो अपना रोजगार छीनने से आहत होकर सडक़ पर उतर गए हैं। बात हो रही है हिमाचल प्रदेश के विधानसभा क्षेत्र ज्वालामुखी स्थित सिविल अस्पताल से निकाले गए अस्थाई सफाई कर्मचारियों की। नव वर्ष 2022 के पहले दिन से ही अपने हक के लिए लड़ाई लड़ रहे सफाई कर्मचारी मंगलवार को ज्वालामुखी की सडक़ों पर अपनी आवाज बुलंद करने के मकसद से उतर आए। सिविल अस्पताल में शांतिप्रिय ढंग से विरोध कर रहे इन सफाई कर्मचारियों के सब्र का बांध आखिकार मंगलवार को अूट ही गया। अचानक नौकरी से निकालने का फरमान सुनकर नम आंखों से सफाई कर्मचारी जहां शांतिप्रिय ढंग से अपना विरोध दर्ज कर रहे थे वहीं इनकी सुनवाई न होने पर इन्होने सडक़ों पर उतरकर अस्पताल प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करना शुरू कर दी। अस्पताल परिसर से शुरू हुई यह नारेबाजी एस.डी.एम. आफिस तक पहुंच गई तथा अपने हक के लिए लड़ाई लड़ रहे इन सफाई कर्मचारियों को आम आदमी पार्टी ज्वालामुखी का साथ मिला। मंगलवार को आम आदमी पार्टी ज्वालामुखी के अनुसूचित जाति के अध्यक्ष सीता राम भाटिया का खुला समर्थन नौकरी से निकाले गए अस्थाई सफाई कर्मचारियों को मिला।
हालांकि इससे पहले सोमवार को आम आदमी पार्टी के ज्वालामुखी अध्यक्ष विकास धीमान सफाई कर्मचारियों के समर्थन में उतरकर उनके साथ काला झंडा थामें अस्पताल परिसर में नजर आ चुके हैं। ऐसे में अब अनूसूचित जाति के अध्यक्ष भी सफाई कर्मचारियों की लड़ाई में शामिल हो गए हैं। एक दशक से अस्थाई रोजगार के दम पर अपने परिवार का पेट भरने वाले कर्मचारी नौकरी से निकाले जाने के बाद जहां पूरी तरह से आहत हैं वहीं इनकी बेहतरीन नवाजा जा चुका है। मंगलवार को इन सम्मान पत्रों को अपने सीने से लगाए इन सफाई कर्मचारियों ने एस.डी.एम. कार्यालय का रूख किया तथा अस्पताल प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए नौकरी दो या जहर दो के नारे लगाए। इसके बाद सफाई कर्मचारियों ने सम्मान पत्र तहसीलदार के माध्यम से सरकार व प्रशासन को वापिस लौटा दिए।
गौरतलब है कि सोमवार को सफाई कर्मचारी दिनभर अस्पताल के बाहर काले झंडे लेकर डटे रहे। लेकिन जब इनकी सुध लेने के लिए सरकार व प्रशासन ने कोई पहल नहीं की तो इन्होने सडक़ पर उतरकर ही अपना विरोध जताना मुनासिब समझा।
ज्वालामुखी आम आदमी पार्टी के अनुसूचित जाति अध्यक्ष सीता राम भाटिया ने बताया कि नौकरी से निकाले गए सफाई कर्मचारियों के साथ अन्याय हो रहा है। कोरोना काल में इन्होने अपनी बेहतरीन सेवाएं अस्पताल में दी है जिसके लिए प्रशासन इन्हे सम्मानित भी कर चुका है। जो सम्मान पत्र इन्हे प्रशासन ने बतौर सम्मान दिए थे उन्हे आज तहसीलदार के माध्यम से सरकार को भेज दिया गया है। उन्होने बताया कि यह सम्मान पत्र एस.डी.एम. साहब को सौंपे जाने थे लेकिन वह अपने कार्यालय में नहीं थे। ऐसे में तहसीलदार ज्वालामुखी के माध्यम से यह सम्मान पत्र सरकार को वापिस लौटा दिए गए हैं। वहीं आम आदमी पार्टी ज्वालामुखी के अध्यक्ष विकास धीमान ने बताया कि सफाई कर्मचारियों के हितों की लड़ाई लडऩे के लिए आगामी रणनीति बनाई जा रही है तथा जब तक इन कर्मचारियों को न्याय नहीं मिल जाता आंदोलन जारी रहेगा।