Sunday, April 28, 2024

किन्नौर की दो दिव्यांग बेटियों के लिए उनकी माताओं को किया कानूनी संरक्षक नियुक्त : उपायुक्त

  • किन्नौर की दो दिव्यांग बेटियों के लिए उनकी माताओं को किया कानूनी संरक्षक नियुक्त : उपायुक्त

    आपकी खबर, किन्नौर। 

उपायुक्त किन्नौर तोरुल एस रवीश की अध्यक्षता में आज यहाँ राष्ट्रीय न्यास अधिनियम 1999 के अंतर्गत जिला स्थानीय स्तरीय समिति किन्नौर की पहली बैठक का आयोजन किया गया जिसमें उन्होंने अधिनियम के अंतर्गत 18 वर्ष से अधिक आयु की मानसिक रूप से दिव्यांग 02 बेटियों की संरक्षता उनकी माताओं को देने के आदेश दिए।

उन्होंने विभाग को राष्ट्रीय न्यास अधिनियम के अंतर्गत पहली बैठक आयोजित करने पर बधाई दी और बताया कि इन बेटियों में एक 19 वर्षीय बेटी गांव कल्पा तथा दूसरी 27 वर्षीय बेटी पांगी से सम्बंधित है।
बैठक में बताया गया कि कानूनी संरक्षक बनाने हेतु आवेदन पत्र तहसील कल्याण अधिकारियों के माध्यम से तथा विकलांग व्यावसायिक पुनर्वास केन्द्र किन्नौर के उपनिदेशक से उनके कार्यालय में दर्ज सभी दिव्यांगजनों को कानूनी संरक्षक बनाने हेतु सम्पर्क करने तथा जागरूक करने बार सूचित किया गया था जिसके बाद इस त्रैमास में 2 मामले प्राप्त हुए थे।
भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अधीन राष्ट्रीय न्यास अधिनियम 1999 के अंतर्गत मानसिक रूप से दिव्यांगजनों जिनमें स्वपरायणता, प्रमस्तिष्क घात, मानसिक मन्दता, बहु-दिव्यांगता से ग्रस्त दिव्यांगजनों के लिए विधिक संरक्षण सुविधा प्रदान करने का प्रावधान किया गया है।
राष्ट्रीय न्यास अधिनियम का मुख्य उद्देश्य मानसिक रूप से दिव्यांग व्यक्तियों, जिन्हें संरक्षण की आवश्यकता है, उनको माता-पिता या उनकी मृत्यु उपरांत अन्य कानूनी संरक्षक द्वारा संरक्षण उपलब्ध करवाना है। इस अधिनियम के पूर्व अति विशेष परिस्थितियों के सिवाय निःशक्त ग्रस्त व्यक्तियों के 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने के पश्चात उनकी संरक्षता के लिए कोई प्रावधान उपलब्ध नहीं था। राष्ट्रीय न्यास के तहत निःशक्त व्यक्तियों के 18 वर्ष प्राप्त करने के बाद संरक्षक नियुक्त किये जाने के लिए माता-पिता, रिश्तेदारों या पंजीकृत संगठनों को कानूनी संरक्षक बनाने का प्रावधान किया गया है।
उपायुक्त ने अधिनियम के तहत वर्णित दिव्यांगजनों को चिन्हित करने के लिए चलाये जा रहे सर्वे कार्य को जल्द पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने इस कार्य के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की सहायता लेने का भी सुझाव दिया। उपायुक्त ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को जिला के हर एक खंड में एक-एक दिन के लिए मेडिकल बोर्ड आयोजित करने के भी निर्देश दिए जिससे जिला के दिव्यांगजनों को मेडिकल परीक्षण पश्चात प्रमाण पत्र जारी होने की सुविधा प्राप्त हो सके।
जिला कल्याण अधिकारी गावा सिंगे ने बैठक में उपस्थित सभी लोगों का स्वागत किया और बैठक की कार्यवाई का सञ्चालन किया। बैठक में उड़ान एनजीओ के समन्वयक नरेंदर गर्ग, एडीए प्रवीणा ठाकुर, सदस्य माला भगति सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।

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