आपकी ख़बर, शिमला।
पूर्व सरकार ने राज्य में एनटीटी शिक्षकों की भर्ती करने का बीड़ा उठाया था। ऐसे में हजारों बेरोजगार युवाओं में उम्मीद की किरण जगी थी। लेकिन नई नवेली सुक्खू सरकार ने पूर्व सरकार के इस फैसले को नजरअंदाज कर दिया। हालांकि इस भर्ती प्रक्रिया हेतु केंद्र सरकार ने करोड़ों का बजट भी जारी किया था लेकिन विडंबना है कि एनटीटी शिक्षकों के मानदेय के लिए केंद्र सरकार की ओर से जारी 47 करोड़ का बजट लैप्स हो गया है। इस बजट को 31 मार्च तक खर्च करने की शर्त केंद्र ने लगाई थी। राज्य सरकार इन शिक्षकों की भर्ती ही नहीं कर पाई, जिसके चलते यह बजट लैप्स हो गया है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए भी केंद्र ने हिमाचल को इतना ही बजट जारी किया है। यदि सरकार इस साल भी भर्तियां नहीं कर पाती तो बजट लैप्स हो जाएगा। राज्य के सरकारी स्कूलों में पिछले तीन सालों में 58 हजार बच्चों ने प्री प्राइमरी कक्षाओं में दाखिला लिया है। राज्य सरकार चाहती है कि यह भर्तियां जल्द हो। इसके लिए सरकार के स्तर पर प्रयास तेज हो गए हैं। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने बीते रोज दिल्ली में नेशनल काउंसिल ऑफ टीचर एजुकेशन यानि एनसीटीई के सचिव सहित कई अधिकारियों से मुलाकात की। उन्होंने यह मांग उठाई है कि हिमाचल को नियमों में छूट दी जाए। ब्रिज कोर्स करवाने पर केंद्र ने सशर्त सहमति जताई है। उम्मीद है कि जल्द ही यह भर्तियां शुरू हो जाएगी। करीब 4700 पद एनटीटी शिक्षकों के भरे जाने हैं। एसएसए के राज्य परियोजना निदेशक राजेश शर्मा ने कहा कि पिछले साल का बजट खर्च नहीं हो पाया। इस साल भर्तियां जल्द हो इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं।