Tuesday, April 30, 2024

अब स्कूल-कॉलेजों को निष्क्रिय करने की तैयारी में सुक्खू सरकार, 386 संस्थान हो सकते हैं डिनोटिफाइड

आपकी ख़बर, शिमला।

पूर्व प्रदेश सरकार द्वारा खोले गए संस्थानों को बंद करने के क्रम में वर्तमान कांग्रेस सरकार तीव्रता से आगे बढ़ रही है। आये दिन सुक्खू सरकार संस्थानों को डिनोटिफाइड करने वाले निर्णय ले रही है। जानकारी के अनुसार पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान 1 अप्रैल, 2022 के बाद नए खुले या अपग्रेड किए गए 386 स्कूलों-कॉलेजों को निष्क्रिय करने की तैयारी शुरू हो गई है। शिक्षण संस्थानों को बंद करने पर लोगों के विरोध से बचने के लिए सरकार ने यह नई तरकीब निकाली है। शिक्षा विभाग ने इन संस्थानों में कार्यरत करीब 800 शिक्षकों को रिक्त पदों वाले संस्थानों में स्थानांतरित करने के लिए सूची भी तैयार कर ली है। निष्क्रिय होने वाले स्कूलों-कॉलेजों से विद्यार्थियों को नजदीकी शिक्षण संस्थानों में नए शैक्षणिक सत्र से पहले शिफ्ट किया जाएगा। कैबिनेट की मंजूरी के लिए यह प्रस्ताव शिक्षा विभाग के पास पहुंच गया है। 11 दिसंबर को हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार का गठन होने के बाद पूर्व की भाजपा सरकार के समय 1 अप्रैल, 2022 के बाद कई विभागों के 600 से ज्यादा कार्यालयों और संस्थानों को बंद कर दिया गया। स्कूलों-कॉलेजों को अभी बंद नहीं किया गया। जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने स्कूलों-कॉलेजों की पूरी जानकारी प्राप्त होने के बाद ही इस बाबत फैसला लेने के लिए कहा था। इसी कड़ी में जनवरी में शिक्षा विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री को बताया गया था कि 1 अप्रैल, 2022 के बाद भाजपा सरकार ने 23 डिग्री कॉलेज, 98 वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल, 131 हाई स्कूल, 85 मिडल स्कूल और 49 प्राइमरी स्कूल खोले और स्तरोन्नत किए। इन संस्थानों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टाफ की संख्या के अलावा नजदीकी संस्थानों की दूरी से भी मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया। 13 जनवरी को हुई कैबिनेट बैठक में इस बाबत कोई चर्चा नहीं हुई। अब शिक्षा विभाग ने आगामी कैबिनेट बैठक के लिए प्रस्ताव तैयार कर सरकार को भेज दिया है। इसके तहत भाजपा सरकार के समय खुले स्कूलों-कॉलेजों को बंद करने की जगह निष्क्रिय करने की सिफारिश की गई है। योजना के तहत निष्क्रिय किए जाने वाले संस्थानों में नए शैक्षणिक सत्र से पहले ही शिक्षकों को स्थानांतरित कर दिया जाएगा। इन स्कूलों में सिर्फ औपचारिकता के लिए शिक्षक नियुक्त होंगे, ताकि यहां दाखिलों के लिए विद्यार्थी कम पहुंचे। निष्क्रिय किए जाने वाले स्कूलों-कॉलेजों के नजदीकी संस्थानों में सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी। नजदीकी संस्थानों में विद्यार्थियों को दाखिले लेने के लिए प्रोत्साहित भी किया जाएगा।

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