Monday, April 29, 2024

सीएम सुक्खू के “काले नाग” वाले बयान से सियासत तेज

  • सीएम सुक्खू के “काले नाग” वाले बयान से सियासत तेज
  • भाजपा बोली, लोकतांत्रिक प्रकिया से चुने प्रतिनिधियों को काले नाग की संज्ञा देना अनुचित : विपिन परमार

आपकी खबर, शिमला। 2 मार्च

हिमाचल प्रदेश में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कांग्रेस से बागी हुए विधायकों को काले नाग की संज्ञा दी है। बीते शुक्रवार को सोलन में हुई जनसभा में उन्होंने यह बात कही।

अब इसको लेकर सियासत तेज हो गई है। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार ने शिमला में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मुख्यमंत्री सुखविन्दर सिंह सुक्खू का अपने ही विधायको को काला नाग बोलने वाला बयान दुर्भाग्यपूर्ण है। कांग्रेस विधायकों का रोष कांग्रेस सरकार के खिलाफ जाहिर हुआ।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस विधायकों की सदस्यता एक फरमान से रद्द कर दी गई। कांग्रेस की अंतर्कलह, विधायकों की नाराजगी, मंत्री द्वारा पीड़ा व दर्द बताना, मंडी के बल्ह के पूर्व विधायक,कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष व वर्तमान अध्यक्ष द्वारा सरकार का विरोध, दर्शाता कांग्रेस की वर्तमान स्थिति से यहीं आभास होता है कि कांग्रेस में आपकी लड़ाई चरम पर है। उनके कारण यह राजनीतिक स्थिति आज प्रदेश में बनी है।

परमार ने कहा कि वर्तमान सरकार सत्ता में रहने का अधिकार एवं हक पहले ही खो चुकी है और इस प्रकार की बयानबाज़ी साफ दिखाती है कि मुख्यमंत्री और सरकार दोनों परेशान हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री को डॉक्टर या साइकैट्रिस्ट से चेक अप करवा लेना चाहिए।

प्रदेश में चल रहे राजनीतिक संकट के समय सुक्खू सरकार के एक महत्वपूर्ण मंत्री द्वारा त्यागपत्र की घोषणा, मुख्यमंत्री की कार्य प्रणाली की आलोचना तथा अपने परिवार की कांग्रेस में हो रही उपेक्षा के आरोप ये सिद्ध करते हैं कि प्रदेश की सरकार अपने राजनीतिक अंतर्द्वंद के कारण संकट में है। इसकी जिम्मेवारी पूरी तरह से सरकार व कांग्रेस पार्टी की है। सरकार के मंत्री व विधायकों द्वारा अपनी उपेक्षा और अनदेखी के आरोपों से सरकार व कांग्रेस संगठन की असलियत जनता के सामने आ गई है । उन्होंने सुक्खू सरकार पर प्रश्न उठाते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार की खींचतान व विधायकों की उपेक्षा से आज प्रदेश में राजनीतिक संकट पैदा हुआ है और सुखु सरकार अपना विश्वास खो चुकी है और अल्पमत में आ गई है ।

उन्होंने कहा कि योजनापूर्वक मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस सरकार जगह-जगह झगड़े करवा रही है। जबकि हिमाचल प्रदेश में शांति और कानून व्यवस्था बहाल रहनी चाहिए। यह योजनापूर्वक धरना प्रदर्शन एवं लड़ाईयां पूरी हिमाचल प्रदेश में करवा रहें है। 6 विधायकों को कांग्रेस पार्टी ने अपने विधायक पद से हटा दिया है। ज्यादातर यह धरना प्रदर्शन वही हो रही है। उन्होंने कहा, यह सरकार इस प्रकार काम कर रही है वो असंवैधानिक है लोकतंत्र के खिलाफ़ है, जिस प्रकार से पहले 15 भाजपा के विधायकों को बजट सैशन के दौरान सस्पेंड कर दिया गया और अपनी मेजोरिटी को इन्होंने पेश किया। वह भी अलोकतांत्रिक था और अब वर्तमान में जिस प्रकार से 6 विधायकों की विधानसभा की सदस्यता रद्द की, वो भी आलोकतांत्रिक है।

Get in Touch

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related Articles

spot_img

Latest Posts